भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट को दोबारा बसाने की मांग पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि प्रशासन पुनर्वास पर दोबारा गंभीरता से विचार करे। यानी अब चंडीगढ़ प्रशासन को फर्नीचर मार्केट के पुनर्वास और पुनर्स्थापन पर निर्णय लेना होगा।
मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अदालत में अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए थे। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया गया। कोर्ट का यह आदेश फर्नीचर मार्केट के दुकानदारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 20 जुलाई को फर्नीचर मार्केट की कई दुकानों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तोड़ दिया था। इस कार्रवाई के खिलाफ पहले ही कारोबारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हुई थी।
फर्नीचर मार्केट एसोसिएशन के प्रधान संजीव भंडारी ने अदालत में कारोबारियों की ओर से पक्ष रखा था। इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की गई थी। अदालत ने कारोबारियों से यह भी कहा था कि वे वर्ष 2002 से पहले के दस्तावेज प्रस्तुत करें, जिससे यह साबित हो सके कि वे उस समय किराएदार थे।
दरअसल, लगभग 400 करोड़ रुपये मूल्य की इस जमीन का अधिग्रहण चंडीगढ़ प्रशासन ने वर्ष 2002 में किया था। कारोबारियों का कहना है कि वे उस समय वहां किराए पर व्यवसाय कर रहे थे और जमीन के मालिकों को नियमित रूप से किराया देते थे। लेकिन जब जमीन का अधिग्रहण हुआ, तब उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।