Thursday, August 14, 2025

धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर पंजाब सरकार का सख्त कदम, पेश किया ‘पवित्र ग्रंथ संरक्षण बिल-2025’

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में ‘पंजाब पवित्र ग्रंथ संरक्षण बिल-2025’ पेश किया। इस बिल के तहत अगर कोई किसी भी धार्मिक ग्रंथ का अपमान करता है, तो उसे 10 साल की कैद से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 5 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह कानून सभी धर्मों के प्रमुख ग्रंथों को संरक्षण देने के लिए लाया गया है। इसमें सिखों के श्री गुरु ग्रंथ साहिब, हिंदुओं की श्रीमद्भागवत गीता, मुस्लिमों की कुरान शरीफ और ईसाइयों की बाइबल को शामिल किया गया है।

क्या है बिल की खास बातें:

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गंभीर अपराध की श्रेणी: बिल में कहा गया है कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी एक गंभीर अपराध माना जाएगा, जिसमें न तो जमानत मिलेगी और न ही किसी प्रकार का समझौता किया जा सकेगा।

जांच अधिकारी का स्तर: ऐसे मामलों की जांच केवल DSP या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा ही की जा सकेगी।

सीधे सेशन कोर्ट में मुकदमा: इन मामलों की सुनवाई सीधे सेशन कोर्ट में होगी।

सजा का प्रावधान: बेअदबी करने वालों को कम से कम 10 साल की कैद, अधिकतम आजीवन कारावास और 5
से 10 लाख तक जुर्माना।

बेअदबी की कोशिश करने वालों को 3 से 5 साल की सजा और 3 लाख रुपये तक जुर्माना।

यह बिल अन्य कानूनों के पूरक रूप में लागू होगा, न कि उनके विरोध में।

मौजूदा कानून की तुलना:

इससे पहले धार्मिक भावनाएं आहत करने से जुड़े मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के तहत अधिकतम 3 साल की सजा का ही प्रावधान था। लेकिन अब नया बिल उस सीमा को काफी बढ़ाता है और इसे गंभीर और गैर-जमानती
अपराध की श्रेणी में लाता है।

विधानसभा में बहुमत से पास होने की संभावना:

पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास 117 में से 93 विधायकों का बहुमत है, जिससे यह तय माना जा रहा है कि यह बिल विधानसभा में पास हो जाएगा। हालांकि इसे कानूनी रूप तभी मिलेगा, जब राज्यपाल के हस्ताक्षर और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल जाए।

क्यों जरूरी था यह कानून?

पिछले कुछ वर्षों में पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसने समाज में भारी आक्रोश पैदा किया। इन घटनाओं के बाद कई बार हिंसा, विरोध और राजनीतिक उथल-पुथल भी देखने को मिली। सरकार का दावा है कि यह बिल धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने और अपराधियों को कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से लाया गया है।

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