Thursday, August 14, 2025

14 वाहन बरामद, 6 चोर गिरफ्तार

चंडीगढ़ (अजीत झा): चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। इस कार्रवाई को एसपी क्राइम जसबीर सिंह के निर्देश, डीएसपी क्राइम धीरज कुमार के मार्गदर्शन और थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह की निगरानी में अंजाम दिया गया। इस अभियान में क्राइम ब्रांच के करीब 30 पुलिस अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

छह वाहन चोर गिरफ्तार कई अनसुलझे मामले सुलझे:

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने चंडीगढ़ के विभिन्न इलाकों से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और 14 चोरी के वाहन बरामद किए। इनमें मोटरसाइकिल और एक्टिवा स्कूटर शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों का ब्योरा इस प्रकार है:

- Advertisement -

पकड़े गए आरोपियों की पहचान:

1. मोहाली के 35 वर्षीय बिक्रम राम सिंह के रूप में हुई पुलिस टीम ने आरोपी के कब्जे से चोरी की एक मोटरसाइकिल और एक लूना बाइक बरामद किया आरोपी के खिलाफ सारंगपुर थाना में चोरी का मामला दर्ज हैं |

2. आरोपी की पहचान 20 वर्षीय मलोया के बुधराम के रूप में हुई आरोपी से चोरी की मोटरसाइकिल और एक्टिवा बरामद की | आरोपी के खिलाफ पहले भी आर्म्स एक्ट समेत चोरी का मामला दर्ज हैं |

3. आरोपी की पहचान मोहाली के झामपुर निवासी रोहित उर्फ़ तोता के रूप में हुई | आरोपी के कब्जे से 2 एक्टिवा एक मोटरसाइकिल बरामद किया | आरोपी के खिलाफ पहले भी एनडीपीएस एक्ट और चोरी का मामला दर्ज हैं |

4. आरोपी की पहचान 19 वर्षीय मलोया के रूप में हुई | उसके कब्जे से एक मोटरसाइकिल बरामद |

5. आरोपी की पहचान मलोया निवासी रवि कुमार उर्फ़ बिल्ला के रूप में हुई | उसके कब्जे से एक मोटरसाइकिल और दो एक्टिवा बरामद |

6. आरोपी की पहचान धनास मिल्क कॉलोनी निवासी 28 वर्षीय संजीव कुमार के रूप में हुई | उसके कब्जे से 2 एक्टिवा और एक मोटरसाइकिल बरामद |

इन आरोपियों की गिरफ्तारी से चोरी के 8 मामलों का खुलासा हुआ है, जिनमें सेक्टर 34, 36, 39, मनीमाजरा और सरांगपुर थानों में दर्ज ई-एफआईआर शामिल हैं।

पुलिस जांच में पता चला है कि अधिकतर आरोपी नशे के आदी हैं और पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रह चुके हैं। ये चोर मुख्यतः पार्किंग और रिहायशी इलाकों से दोपहिया वाहन चुराते थे। लॉक खोलने के लिए मास्टर चाबी का इस्तेमाल करते थे और एक्टिवा स्कूटर के लॉक तोड़ने में माहिर हैं। चुराए गए वाहनों का उपयोग ये निजी सवारी, इलाकों की रेकी और पुलिस से बचने के लिए करते थे। अधिकतर वाहनों की नंबर प्लेटें गायब थीं, ताकि ट्रैफिक चालान या पुलिस जांच से बचा जा सके।

E-Paper
RELATED ARTICLES

Most Popular




More forecasts: oneweather.org