पूर्वोत्तर भारत में किडनी प्रत्यारोपण (रीनल ट्रांसप्लांट) सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत श्री बियूराम वाहगे, माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने आज पीजीआई चंडीगढ़ का दौरा किया। यह दौरा, पीजीआईएमईआर और टीआरआईएचएमएस (TRIHMS) के बीच पहले से जारी सहयोग को और मजबूती देने तथा अरुणाचल प्रदेश में रीनल ट्रांसप्लांट प्रोग्राम स्थापित करने हेतु शैक्षणिक व तकनीकी सहायता का आग्रह करने के उद्देश्य से किया गया।
माननीय मंत्री के साथ डॉ. मोहेष चाई (स्वास्थ्य मंत्री के सलाहकार), डॉ. मोजी जिनी (निदेशक, टीआरआईएचएमएस, नाहरलागुन) और डॉ. गोमी बसर (माननीय स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी) भी मौजूद रहे। इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत प्रो. विवेक लाल, निदेशक पीजीआईएमईआर ने प्रो. आर.के. राठौ, डीन (अकादमिक), प्रो. संजय जैन, डीन (अनुसंधान), प्रो. अरुण बंसल, कार्यकारी उपनिदेशक (प्रशासन), प्रो. विपिन कौशल, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट तथा प्रत्यारोपण से संबंधित विभागों के प्रमुखों एवं वरिष्ठ फैकल्टी के साथ मिलकर किया।
बैठक के दौरान यह उल्लेख किया गया कि यह अरुणाचल प्रदेश से पीजीआईएमईआर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों का दूसरा बैच है। इससे पूर्व एक टीम जिसमें डॉक्टर व ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर शामिल थे, पहले ही पीजीआईएमईआर के मार्गदर्शन में गहन प्रशिक्षण ले चुकी है। यह नया बैच इस साझेदारी को आगे बढ़ा रहा है जिससे राज्य में एक आत्मनिर्भर ट्रांसप्लांट सिस्टम की नींव रखी जा सके।
इस अवसर पर श्री बियूराम वाहगे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं यहां आपका धन्यवाद करने आया हूं। आपने हमें इतना बड़ा कार्य करने में मदद की है। हमारे मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है, और अब समय आ गया है कि हम यह सेवा अपने राज्य में उपलब्ध कराएं। पीजीआईएमईआर एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता संस्थान है और हम यहां आपके मार्गदर्शन, अनुभव और समर्थन की अपेक्षा लेकर आए हैं।”
प्रो. विवेक लाल ने अपने स्वागत भाषण में मंत्री की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा, “यह अत्यंत प्रशंसनीय है कि माननीय मंत्री इतनी दूर अरुणाचल प्रदेश से केवल सिस्टम को समझने के लिए औपचारिकताओं को दरकिनार कर यहां आए हैं। यह स्वास्थ्य सेवा सुधार के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पीजीआईएमईआर अरुणाचल प्रदेश को संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों, ऑब्जर्वरशिप अवसरों और साझा क्लीनिकल प्रोटोकॉल के माध्यम से पूर्ण समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
निदेशक पीजीआईएमईआर ने यह भी बताया कि अरुणाचल प्रदेश के इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए विशेष प्रशिक्षण अवसर तैयार किए गए हैं, जिनमें स्पॉन्सरशिप आधारित पोस्टग्रेजुएट ट्रेनिंग और शॉर्ट-टर्म ऑब्जर्वर प्रोग्राम शामिल हैं। ये प्रशिक्षण इस प्रकार डिज़ाइन किए गए हैं कि सेवा कार्य बाधित न हों और अनुभव भी मिले। इसी तरह के कार्यक्रम भारतीय सेना के साथ भी सफलतापूर्वक चलाए जा चुके हैं और अब अरुणाचल प्रदेश में भी लागू किए जा रहे हैं।
यह दौरा पीजीआईएमईआर और टीआरआईएचएमएस के बीच दीर्घकालिक सहयोग को और मजबूती देता है, जो अरुणाचल प्रदेश में एक स्थायी ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें वर्तमान में जीवन रक्षक ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। दौरा आपसी सहयोग और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता व पहुंच को बेहतर बनाने की साझा प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ।