चंडीगढ़: चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CCPCR) ने आज टैगोर थियेटर, सेक्टर 18 में “ड्रग्स और नशे की लत” पर एक विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि आज के समय में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना सबसे जरूरी सामाजिक जिम्मेदारी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ जानकारी देने के लिए नहीं है, बल्कि एक ऐसे समाज की नींव रखने का प्रयास है जहाँ बच्चे और युवा नशे से दूर रहकर एक सुरक्षित और अच्छा जीवन जी सकें। उन्होंने चिंता जताई कि आजकल माता-पिता के पास बच्चों के लिए समय नहीं होता। उन्होंने माता-पिता और स्कूलों से अपील की कि बच्चों में होने वाले छोटे-छोटे व्यवहारिक बदलावों पर ध्यान दें और बच्चों से संवाद बनाए रखें।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि जो युवा नशे से बाहर आ चुके हैं, उन्हें समाज को अपनाना चाहिए और उन्हें सम्मान के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई और कहा कि यह लड़ाई सिर्फ प्रशासन की नहीं है, बल्कि पूरे समाज की है। जब तक परिवार, स्कूल और समाज मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक नशे की समस्या खत्म नहीं हो सकती। इस मौके पर ‘सुरक्षित बचपन, उज्ज्वल भविष्य – नशामुक्त समाज की ओर’ नाम की एक जन-जागरूकता पुस्तिका भी जारी की गई। इस पुस्तिका में बच्चों को ध्यान में रखते हुए नशे के प्रकार, उसके दुष्परिणाम, पहचान, इलाज और कानूनी जानकारी दी गई है।
पीजीआईएमईआर के मानसिक रोग विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर अखिलेश शर्मा ने एक प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि कैसे बच्चे बचपन और किशोरावस्था में नशे की चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को इस खतरे से बचाने में परिवार और समाज की भूमिका बहुत अहम होती है। इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक पुष्पेन्द्र कुमार, सीसीपीसीआर की अध्यक्ष शिप्रा बंसल, डॉक्टर, शिक्षक, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और कई अभिभावक शामिल हुए।