हिमांशु शर्मा, चंडीगढ़ दिनभर: मनीमाजरा में शुरू किया गया 24×7 पायलट प्रोजेक्ट, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया था और जिसकी लागत 75 करोड़ की लागत से बनाया गया था, अब विजिलेंस जांच के घेरे में है। इस दौरान चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी मौजूद थे। इस प्रोजेक्ट की जांच चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग ने शुरू कर दी है।
विजिलेंस को केंद्र सरकार से आदेश मिले हैं, जिसके बाद जांच शुरू की गई। अब विजिलेंस टीम यह पता लगा रही है कि इस प्रोजेक्ट को नगर निगम कौन-कौन सा अधिकारी देख रहा था और 75 करोड़ की लागत किन-किन चीजों पर खर्च की गई, साथ ही वह सामान कहां से खरीदा गया। इसकी भी विजिलेंस जांच कर रही है। उद्घाटन के समय चंडीगढ़ नगर निगम की कमिश्नर आनंदिता मित्रा भी मौजूद थी और वर्तमान में अमित कुमार निगम कमिश्नर हैं। जांच के दौरान विजिलेंस विभाग आनंदिता मित्रा से भी पूछताछ कर सकता है। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को भी नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा। विजिलेंस टीम प्रोजेक्ट से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच कर रही है।
मनीमाजरा शहर वासी पहले ही इस पायलट प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे। लोगों का कहना था हमें नहीं चाहिए 24 घंटे पानी सिर्फ 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को यही शहर वासियों की मांग थी। शहर का एक इकलौता खेल का मैदान भी इस पायलट प्रोजेक्ट में छीन लिया। पायलट प्रोजेक्ट के उद्घाटन के बाद शहर में गंदे पानी की सप्लाई आने लगी इसके बाद शहारवासी इस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर बहुत परेशान हुए।
बीजेपी अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा ने दी थी केंद्र को शिकायत:
चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मनीमाजरा में 4 अगस्त 2024 को 24×7 पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन अमित शाह द्वारा किया गया था लेकिन आज तक वहां एक भी दिन पानी नहीं आया है। लोगों के घरों में गंदा पानी आने लगा जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। और शहर में कुछ लोग तो बीमार भी हो गए। चंडीगढ़ भाजपा प्रधान जितेंद्र मल्होत्रा ने लिखा था कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए, ताकि लोगों को पानी की दिक्कत न हो। इसी शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने मामला संज्ञान में लिया और इसकी जांच का जिम्मा चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग को सौंप दिया गया 75 करोड़ की लागत से बनी यह पायलट प्रोजेक्ट मनीमाजरा के एक लाख से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
इसमें मॉडर्न हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, शिवालिक एन्क्लेव, इंदिरा कॉलोनी और शास्त्री नगर के इलाके शामिल हैं। यह पायलट प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य लगातार और उच्च दबाव वाली जल आपूर्ति देना है, ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके। इसके तहत रिसाव में कमी, स्मार्ट मीटरिंग, भूजल पर निर्भरता घटाना और ऊर्जा की खपत की निगरानी जैसे काम किए जाने हैं। इसके लिए कुल 22 किलोमीटर लंबी जल पाइपलाइन बिछाई गई है और दो भूमिगत जलाशय बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता दो-दो मिलियन गैलन प्रतिदिन है।