Thursday, August 14, 2025

विवाह प्रमाण पत्र पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट सख्त, हरियाणा सरकार से जवाब मांगा

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले में विवाह प्रमाण पत्र की सत्यता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। याचिका दायर करने वाले एक जोड़े ने अदालत से अपनी शादी की सुरक्षा और जीवन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट को जब याचिका के साथ लगाया गया विवाह प्रमाण पत्र देखने को मिला तो उसमें कई खामियां पाई गईं, जिससे इस दस्तावेज की वैधता पर संदेह उत्पन्न हो गया। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उनकी शादी हरियाणा के पंचकूला में हुई। विवाह प्रमाण पत्र प्राचीन पशुपति नाथ शिव मंदिर सोसाइटी, बूथ नंबर 228,
एमडीसी, सेक्टर-4, पंचकूला द्वारा जारी किया गया था। इस प्रमाण पत्र पर तारीख 30 जून 2025 अंकित थी। कोर्ट ने पाया कि प्रमाण पत्र पर जो मुहर लगी है उसमें पंडित सोनू शास्त्री का नाम लिखा है, लेकिन हस्ताक्षर किसी अन्य व्यक्ति, बजरंग शर्मा (पुजारी) के हैं। कोर्ट ने यह साफ कहा कि यह बड़ी अनियमितता का संकेत है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को सभी बिंदुओं की जांच कर पूरी रिपोर्ट पेश करने के लिए समय दिया। सुनवाई की अगली तारीख 25 जुलाई 2025
निर्धारित की गई है।

पते को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ:
याचिकाकर्ता ने अपनी रिहाइश पंजाब के फाजिल्का जिले की बताई। जबकि विवाह प्रमाण पत्र में शादी का आयोजन हरियाणा के पंचकूला में बताया गया। कोर्ट ने कहा कि फाजिल्का और फिरोजपुर, दोनों पंजाब के अलग-अलग जिले हैं और यह आशंका पैदा होती है कि विवाह प्रमाण पत्र बनाने वालों ने दस्तावेजों की जाँच ही नहीं की। न्यायमूर्ति संदीप मौदगिल ने कहा कि याचिकाकर्ता जब कोर्ट आते हैं तो उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे साफ नीयत और सच्चाई के
साथ आएं। जब पते ही स्पष्ट नहीं हैं, तब इस याचिका की विश्वसनीयता संदिग्ध लगती है।

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कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए:
कोर्ट ने हरियाणा सरकार को इस मामले में पार्टी बनाते हुए कहा कि गृह सचिव, हरियाणा सरकार इस पूरे प्रकरण की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। इस तरह के मामलों में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज में फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाए।

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