Thursday, August 14, 2025

बरसात में न खाएं ये सब्जियां, वरना हो सकती हैं पेट से जुड़ी गंभीर समस्या

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: क्या आप जानते हैं कि हर फल और सब्जी का एक मौसमी चक्र होता है? यानि हर सब्जी या फल का एक सही मौसम होता है जब उसका सेवन शरीर को सबसे अधिक लाभ देता है। अगर इस प्राकृतिक नियम की अनदेखी की जाए, तो जो चीज़ हमें स्वास्थ्य दे सकती है, वही हमें बीमार भी कर सकती है। बारिश का मौसम यानि मानसून, वैसे तो भीषण गर्मी से राहत लेकर आता है, लेकिन इस मौसम में एक और चुनौती भी सामने आती है स्वास्थ्य की। इस दौरान वातावरण में नमी और आर्द्रता बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद और कीटाणु तेजी से पनपते हैं। यह वही समय होता है जब हमारे खानपान में थोड़ी सी भी लापरवाही हमें गंभीर बीमारियों की ओर ले जा सकती है। न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार,  मानसून में न सिर्फ बाहर का खाना बल्कि घर की बनी कुछ सब्जियां भी हमारी सेहत पर गलत असर डाल सकती है।

इन 5 सब्जियों से बनाएं दूरी, मानसून में ये खतरनाक साबित हो सकती हैं:

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1. हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, सरसों आदि)
हरी पत्तेदार सब्जियां सामान्यत: पोषक तत्वों का भंडार होती हैं, लेकिन बरसात के मौसम में इनका सेवन जोखिम भरा हो सकता है। पालक, मेथी, बथुआ जैसी सब्जियों में कीटाणु और कीड़े आसानी से चिपक जाते हैं। बारिश में खेतों में गंदा पानी जमा हो जाता है, जिससे इन पत्तों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। अच्छी तरह धोने के बावजूद सूक्ष्म जीवाणु रह सकते हैं जो पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बनते हैं।

2. पत्तागोभी और फूलगोभी:
इन सब्जियों की परतें होती हैं, जिनके बीच नमी आसानी से जमा हो जाती है और वहां बैक्टीरिया, फफूंद और कीड़े छिप सकते हैं। खासकर मानसून में गोभी की सफाई पूरी तरह संभव नहीं होती और ऐसे में इनके सेवन से पेट दर्द, गैस,
उल्टी या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

3. मशरूम:
मानसून में प्राकृतिक रूप से उगने वाले मशरूम अधिक मात्रा में मार्केट में दिखाई देते हैं। लेकिन इस मौसम में इनकी गुणवत्ता पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता। अगर मशरूम थोड़ा भी दूषित हुआ या ठीक से साफ नहीं किया गया
तो ये सीधे फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। मशरूम में नमी जल्दी भर जाती है और यह फफूंद का शिकार हो सकता है।

4. अंकुरित आलू:
जी हां, आलू हर मौसम की सब्जी मानी जाती है लेकिन बरसात के दौरान अंकुरित आलू का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। जब आलू अंकुरित होता है तो उसमें सोलनिन नामक जहरीला रसायन बनता है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है और गैस, उल्टी, सिरदर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

5. बैंगन, भिंडी, करेला (वैकल्पिक चिंताओं के साथ)
हालांकि इन सब्जियों को पूरी तरह निषिद्ध नहीं किया गया है, लेकिन अगर इन्हें साफ-सुथरे तरीके से न काटा और पकाया जाए, तो इनमें भी बैक्टीरिया और कीड़े संक्रमण फैला सकते हैं। विशेषकर भिंडी में चिपचिपाहट अधिक होती
है जो मानसून में पाचन क्रिया को बाधित कर सकती है।

तो आखिर बरसात में खाएं क्या?

न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, बरसात के मौसम में कुछ सब्जियां शरीर के लिए लाभकारी होती हैं। ये न सिर्फ पचने में आसान होती हैं बल्कि शरीर को गर्मी और स्फूर्ति भी देती हैं।
– लौकी: हल्की, ठंडी और पाचन के लिए उत्तम।
– तोरई :  डिटॉक्स करने वाली सब्जी, पेट साफ रखती है।
– परवल : फाइबर और विटामिन से भरपूर, कम गैस बनाती है।
– मक्का :  फाइबर और एनर्जी का अच्छा स्रोत।
– ग्वार फली (कस्टर बीन) : खून को साफ करती है और कब्ज दूर करती है।

डॉ. राजीव कपीला, नोडल ऑफिसर एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ, चंडीगढ़: आयुर्वेद के अनुसार मानसून के दौरान हरी सब्जियों के सेवन से परहेज करना चाहिए। यदि आप हरी सब्जियों के बिना नहीं रह सकते, तो उन्हें पहले अच्छी तरह धोएं और फिर साफ पानी में उबालें। इससे सब्जियों में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को अपनाकर आप बरसात में बीमार होने से बच सकते हैं।

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