Thursday, August 14, 2025

ब्रिटिश महिला की बातों में आकर 65 वर्षीय बुजुर्ग ने 45लाख रुपये के भेजे गए गिफ्ट को पाने के लिए 1.57 करोड़ गवाए 

सागर पाहवा, चंडीगढ़ दिनभर: अब तक सीबीआई आफिसर, कस्टम आफिसर व मनी लॉड्रिंग में फंसने का डर दिखाकर लोगों को ठगा जा रहा था। ऐसे मामलों में लोगों को डिजिटल अरेस्ट भी किया गया। लेकिन ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें ब्रिटिश महिला की बातों में आकर जीरकपुर के 65 वर्षीय एक बुजुर्ग ने 45 लाख रुपये के भेजे गए गिफ्ट को पाने के लिए अपने करोड़ों रुपये गवा लिए। यही नहीं ब्रिटिश ठग महिला ने अपना विश्वास पक्का करने के लिए उस बुजुर्ग के नाम का वेस्ट गेट बैंक लंदन का एक यूनिवर्सल मास्टर कार्ड भी भेजा। कार्ड में 1.5 लाख पाउंड थे। दिखावे के इस मास्टर कार्ड से जीरकपुर के एक एटीएम से व्यक्ति महज 10 हजार रुपये ही निकाल सका और उसके बाद कार्ड ब्लॉक हो गया।
ऑनलाइन ठगों ने जीरकपुर मोनाग्रीन के रहने वाले लवकेश कांत गुप्ता को अपनी ठगी का शिकार बनाया। कभी गिफ्ट की कस्टम क्लीयरेंस तो कभी आरबीआई क्लीयरेंस डिलवरी का डर दिखाकर उसे ठगना शुरु किया और जब तक उसे समझ आया कि उससे धोखाधड़ी हो रही है तब तक वह अपने 1.57 करोड़ रुपये गवा चुका था। इस मामले में लवकेश कांत गुप्ता ने मोहाली साइबर क्राइम पुलिस को इसकी शिकायत दी। साइबर पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 61(2) व आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। इस मामले में साइबर एक्सपर्ट टीम काम कर रही है और उन विदेशी व लोकल नंबरों को खंगाला जा रहा है जिससे लवकेश गुप्ता से ठगों ने संपर्क किया था। पुलिस जांच कर रही है कि यह ब्रिटिश महिला असली है या इंडिया से कोई बहरूपिया गुप्ता को ठगता रहा।
लवकेश गुप्ता के बयान अनुसार फरवरी 2024 में फेसबुक पर ग्रेस कलारा स्मिथ नाम की एक ब्रिटिश महिला से उसकी चैटिंग शुरु हुई। ब्रिटिश महिला ने कहा कि वह इंग्लैंड में रहती है। विदेशी नंबर से व्हट्स एप्प पर वह लवकेश गुप्ता से बातचीत करने लगी। कुछ दिन बाद ब्रिटिश महिला स्मिथ ने कहा कि वह उसे एक गिफ्ट भेज रही है जिसकी कीमत 45 लाख रुपये है। गुप्ता को कुछ दिन बाद एक लोकल नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह दिल्ली एयरपोर्ट से कस्टम अधिकारी है और उनका गिफ्ट पैक आया है जिसकी कस्टम क्लीयरेंस और आरबीआई क्लीयरेंस डिलीवरी के लिए उसे 12 लाख 63 हजार 500 रुपये देने होग। गुप्ता ने अपने बैंक खातों से पैसा ट्रांसफर कर दिया। पैसे देने के बाद भी गिफ्ट नहीं आया। दिसंबर 2024 में उसे फिर ग्रेस कलारा स्मिथ का फोन आया कि वह उसके नुकसान की भरपाई करने के लिए 6 दिसंबर 2024 को इंडिया आ रही है। 6 दिसंबर को उसे मुंबई एयरपोर्ट से फोन आया कि ग्रेस कलारा स्मिथ के कागज पूरे ना होने के कारण एयरपोर्ट पर रोक लिया है क्योंकि उसके पास ट्रैवलर चैक 5 लाख पाउंड का पकड़ा गया है। उसे कहा गया कि 5 लाख पाउंड का चैक कैश करने के लिए उसे 29 लाख रुपये देने होंगे। गुप्ता ने एयरपोर्ट आथॉरिटी की बातों में आकर अपने बैंग खाते से 29 लाख 77 हजार 300 रुपये दिए।
5 लाख पाउंड को 7 लाख लॉडर में बदलने का दिया लालच:
राशि जमा करवाने के बाद गुप्ता को ब्रिटिश नागरिग माइकल जोन डंक नाम से फोन आया जिसने कहा कि वह ब्रिटिश एंबेसी का अधिकारी है। उसने फोन पर बातचीत की और कहा कि वह 5 लाख पाउंड को 7 लाख डॉलर में बदलकर एक सेफ्टी बॉक्स में आपके पास भेज रहा है। 12/13 दिसंबर की दरमियान रात को उसके पास एक अज्ञात व्यक्ति आया और उसे सेफ्टी बॉक्स देकर चला गया। जब उसने सेफ्टी बॉक्स खोला तो उसमें पड़े डॉलर काले थे। माइकल से दोबारा संपर्क करने पर गुप्ता से कहा गया कि इन डॉलर को कैमिकल की मदद से साफ किया जा सकता है और उससे कैमिकल देने के लिए 20 हजार रुपये ले लिए। 28 दिसंबर को दोबारा अज्ञात युवक उसके घर आया और उसे 100-100 डॉकर के दो नोट दिखाकर बोला कि यह दो नोट उनके सेफ्टी बॉक्स के है। उसने कहा कि इन नोटों को लेबोरेटरी में चैक करना है इसलिए वह सेफ्टी बॉक्स लेने आया है और दोबारा उससे 10 हजा रुपये ले गया। कुछ दिन बाद उसे दोबारा काले डॉलर से भरा सेफ्टी बॉक्स पार्सल के माध्यम से घर भेज दिया। संपर्क करने पर किसी ने उसका दोबारा फोन नहीं उठाया।
वेस्ट गेट बैंक लंदन का मास्टर कार्ड भेजा:
गुप्ता ने बताया कि 25 जनवरी 2025 को दोबारा उसे ग्रेस कलारा स्मिथ की व्हट्सएप्प मैसेज आया कि वह उसे वेस्ट गेट बैंक लंदन का एक युनिवर्सल मास्टर कार्ड जिसमें 1.5 लाख पाउंड भेज है भेज रही है। 27 जनवरी को उसे वह मास्टर कार्ड डिलिवर हुआ। जिसकी अवधी 2029 तक थी। कार्ड पर गुप्ता का नाम अंकित था। कार्ड रिसिव करने उपरांत उसे विदेश नंबर से मैसे आया और कार्ड संबंधी जानकारी दी। मैसेज में लिखा था कि इस कार्ड से वह कोटक महिंद्रा बैंक से ट्रांजेक्शन कर सकता है। उसे कहा गया कि ट्रांजेक्शन समय विदेशी नंबर जेशुआ सिनक्लेयर को फोन कर कार्ड का पिन हासिल करना होगा। 27 जनवरी को उसने जीरकपुर कोटक महिंद्रा बैंक के एटीएम से पिन हासिल करके 10 हजार रुपये निकाले। अगले दिन वह दोबारा गया तो कार्ड ब्लॉक था। उसने दोबारा उसी विदेशी नंबर पर संपर्क किया जिसने कहा कि पैसे निकालने के लिए एफसीए यूके से परमिशन लेनी होगी और 8 लाख 26 हजार 100 रुपये देने होंगे। उसके बाद उसे वैट, जीएसटी, कार्ड की लिमिट बढ़ाने के झांसे देकर 1 करोड़ 15 लाख 53 हजार 714 रुपये ले लिए। इस तरह उससे कुल 1.57 करोड़ की ठगी मारी गई।
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