Thursday, August 14, 2025

मोंटी समझकर चलाई थी गोली: समदर्श वेद जोसेफ के घर के बाहर फायरिंग मामले में मोनू जयसवाल गिरफ्तार, पुलिस रिमांड पर

अजीत झा, चंडीगढ़ दिनभर: शहर के रामदरबार फेज-2 क्षेत्र में बीते शुक्रवार रात हुई फायरिंग की घटना ने न सिर्फ इलाके में दहशत फैला दी, बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वाल्मीकि शोभायात्रा कमेटी के चेयरमैन समदर्श वेद जोसफ के घर के बाहर खड़ी एक गाड़ी पर अज्ञात बाइक सवार ने गोली चला दी और मौके से फरार हो गया।

गनीमत यह रही कि घटना के समय समदर्श वेद जोसेफ गाड़ी में मौजूद नहीं थे, अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था।सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की गई। सेक्टर-31 थाना पुलिस ने मामले में आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके बाद जांच सेक्टर 31 थाना समेत ऑपरेशन शेल, डिस्ट्रिक्ट क्राइम सेल, क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी थी।

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48 घंटे में आरोपी दबोचा:

क्राइम ब्रांच डीएसपी धीरज कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हल्लोमाजरा निवासी मोनू जयसवाल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को मंगलवार को जिला अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, जिससे उससे गहराई से पूछताछ की जा सके।

मोंटी की गाड़ी समझकर चलाई गोली- आरोपी का बयान:

पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में मोनू जयसवाल ने बताया कि उसने जिस गाड़ी पर फायरिंग की वह उसे मोंटी नामक व्यक्ति की लगी, जिससे उसकी पुरानी रंजिश थी। उसने बिना पुष्टि के ही फायरिंग कर दी। पुलिस इसे गलतफहमी से हुई फायरिंग मानने से इंकार नहीं कर रही, लेकिन इसे मात्र संयोग मानकर छोड़ने को भी तैयार नहीं है।

क्या जोसेफ थे निशाने पर? जांच में कई एंगल:

इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं क्या हमला वाकई मोंटी को निशाना बनाकर किया गया था? या फिर समदर्श वेद जोसेफ किसी बड़ी साजिश का शिकार बनने वाले थे? जोसफ सामाजिक रूप से सक्रिय हैं और वर्षों से वाल्मीकि समाज से जुड़े धार्मिक व सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक या सामाजिक द्वेष की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

क्राइम ब्रांच की टीम जांच में टीम:

पुलिस अब इस केस को हर एंगल से खंगाल रही है:आरोपी मोनू के पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड,फायरिंग में प्रयुक्त हथियार की सप्लाई,घटनास्थल पर उपयोग में लाई गई बाइक की पहचान,आरोपी के मोबाइल रिकॉर्ड्स और सोशल नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है।इसके अलावा पुलिस मोंटी की भूमिका और आपसी गैंग रंजिश की कड़ियों को भी जोड़ने का प्रयास कर रही है।

स्थानीय लोगों में भय, सुरक्षा को लेकर नाराज़गी:

घटना के बाद से रामदरबार फेज-2 के निवासी दहशत में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सामाजिक कार्यकर्ताओं के घर के बाहर फायरिंग हो सकती है, तो आम लोगों की सुरक्षा कितनी कमजोर होगी।लोगों ने प्रशासन से इलाके में पुलिस गश्त बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।फिलहाल पुलिस रिमांड पर है आरोपी देखने वाली बात यह होगी की आरोपी पुलिस रिमांड पर क्या कुछ खुलासे करता हैं |

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