सागर पाहवा, चंडीगढ़ दिनभर: मोहाली फेज-11 बेस्टैक स्केयर मॉल में चल रहे नाइट क्लब दि स्कल में गंगानगर के युवक सिद्धार्थ देलु को गोली मारने वाले क्लब मालिक आदित्य विज व उसके साथी तुषार कपूर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोनों को शुक्रवार जिला अदालत में पेश किया जहां अदालत ने उसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। बताया जा रहा है कि .32 बोर पिस्टल से सिद्धार्थ को गोली मारी थी।
आरोपियों के खिलाफ गंगानगर के रहने वाले 20 वर्षीय आकाशदीप सिंह के बयान पर बीएनएस की धारा 109 (इरादा कत्ल), 115 (इच्छा से चोट पहुंचाना), 351 (आपराधिक धमकी), 126/2 (गलत तरीके से रोकना), 190 (गैर कानूनी सभा का हिस्सेदार बनना), 191 (गैरकानूनी जमान में हिंसा करना) व 27/54/59 (आम्र्स एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल .32 बोर पिस्टल, एक कारतूस व खाली खोल बरामद हुआ है। आदित्य विज के पास से मिला पिस्टल अवैध है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि यह अवैध पिस्टल कहां से लेकर आया था। पुलिस आरोपी के पिछले कनेक्शन की भी जांच कर रही है।
बेस्टैक मॉल (सेक्टर-66) की पांचवीं मंजिल पर डांस व नाइट क्लब दि स्कल चल रहा है। बुधवार को भी क्लब में डांस पार्टी थी। राजस्थान से सिद्धार्थ डेलु अपने 5-6 दोस्तों के साथ पार्टी में आया था। क्लब मालिक व सिद्धार्थ और उसके साथ आए दोस्तों ने शराब पी रखी थी। डांस फ्लौर पर नाचते हुए सिद्धार्थ और क्लब मालिक आदित्य का आपस में कंधा टकरा गया। इस बात को लेकर दोनों में कहा सुनी हो गई और आदित्य सिद्धार्थ को क्लब से बाहर ले आया। जहां सिद्धार्थ को पहले पीटा गया और उसके बाद आदित्य ने पिस्टल निकालकर उसे गोली मार दी। गोली सिद्धार्थ के पेट के निचले हिस्से में लगी और वह जमीन पर गिर गया। गोली चलने के बाद क्लब में अफरा-तफरी मच गई। वहीं आदित्य हमले के बाद फरार हो गया था जिसे वीरवार रात को गिरफ्तार कर लिया था।
वहीं, वरिंदर पाल इंस्पेक्टर आबकारी विभाग ने बताया कि वैसे नाईट क्लब के समय रात 1 बजे तक होता है लेकिन क्लब मालिक ने 25 लाख रुपए सिक्योरिटी भरकर 3 बजे तक कि परमिशन ली थी।
इससे पहले भी नाइट क्लबों में चल चुकी है गोलियां:
23 मई 2023 को जीरकपुर-अंबाला हाइवे पर बने होटल (4-बाय ओयो) में रात 1 बजे पूल पार्टी के दौरान पार्टी आर्गेनाइजर सिमरनजीत सिंह 5 से 6 राउंड फायरिंग कर दी थी। जिनमें एक गोली पार्टी में आए कर्ण छाबड़ा की टांग से आरपार हो गई थी। जीरकपुर पुलिस ने 8 लोगों को धारा 307 (इरादा कत्ल) व आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इस पूल पार्टी के दौरान नकली डॉलर भी उड़ाए गए थे।
सीएम सिक्योरिटी में तैनात कमांडो की हो चुकी है हत्या:
नाइट क्लब में गोली चलने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले वर्ष 2019 में फेज-11 में स्थित डिस्कोथेक वार्किंग स्ट्रीट एंड कैफे में रात करीब पौने तीन बजे सीएम सिक्योरिटी में तैनात कमांडो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले पार्टी में दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ था। 24 वर्षीय मृतक सुखविंदर कुमार फाजिल्का जिले के गांव रूडीवालां तारेवाला (जलालाबाद) का रहने वाला था। वह 2016 में पंजाब पुलिस में भर्ती हुआ था। इस मामले में फेज-11 थाने के एसएचओ जगदेव सिंह को उस समय के एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल ने सस्पेंड कर दिया था।
वर्ष 2022 में बेस्टेक मॉल में सील हुआ था दि बुर्ज क्लब:
वर्ष 2022 में आबकारी एवं कराधान विभाग ने फेज-11 के बेस्टेक मॉल में चल रहे नाइट क्लब दि बुर्ज में छापेमारी कर 80 पेटी अवैध शराब बरामद की थी। यह क्लब दि स्कल क्लब के बिल्कुल साथ है। रेड के बाद बुर्ज क्लब को सील कर दिया गया था। आबकारी टीम ने रात 2 बजे छापेमारी की थी। उस समय 300 से 350 लोग डिस्कोथेक पर थिरक रहे थे जो नियमों का उल्लंघन करते पाए गए थे। इस मामले में फेज-11 पुलिस स्टेशन में नाइट क्लब के मालिक और मैनेजर व अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश) तथा आबकारी अधिनियम की धारा 61/1/14 के तहत मामला दर्ज किया गया था। विभाग ने 80 पेटियां पकड़ी थी जिनमें लगभग 20 पेटियों में चंडीगढ़ में बेची जाने वाली शराब थी।
पाबंदी के बावजूद कैसे ले गए पिस्टल:
दरअसल, डीसी मोहाली ने हाल ही में हथियार लेकर पैलेस, पब, क्लब व शादी समारोह में ले जाने की सख्त हिदासतें जारी की है। वहीं, बेस्टेक मॉल में सिक्योरिटी गार्ड हर आने जाने वाले की सख्ती से जांच करते हैं। यहां मैटल डिटेक्टर लगा हुआ है ताकि कोई भी संवेदनशील चीज मॉल में ना ले जाई जा सके। उसके बावजूद क्लब मालिक आदित्य पिस्टल लेकर क्लब में था। यहां सिक्योरिटी गार्ड पर भी सवालिया निशान खड़ा होता है कि क्या उसकी जांच नहीं की गई।
नियमों को ताक में रखकर की जाती है पार्टियां:
बता दें कि मोहाली में चलने वाले कई डिस्कोथेक के मालिकों द्वारा नियमों को ताक में रखकर देर रात तक पार्टियां की जाती रही हैं। इसमें चंडीगढ़ की शराब परोसने के मामले भी सामने आ चुके हैं। इसके अलावा क्लबों के बाहर गोली चलने से पुलिस जवान तक की जान जा चुकी है। इसके अलावा कई नाइट क्लब पुलिस नेे सील तक किए थे लेकिन इसके बाद भी हालत में सुधार नहीं होने के बाद इस दिशा में कार्रवाई की गई।
बाहरी जिलों के होते हैं अधिकतर युवा:
एक बात यह भी सामने आई कि जो जिले में क्लब चलते हैं। उनमें अधिकतर युवा मोहाली या चंडीगढ़ के नहीं बल्कि पंजाब के अन्य जिलों के साथ ही हरियाणा और हिमाचल के होते हैं जो नशे में चूर होकर लड़ते है। इसके बाद वे वहां से निकल जाते हैं।