अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर चंडीगढ़ में जहां-तहां कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, वहीं इस वर्ष का मुख्य आयोजन सेक्टर-17 स्थित तिरंगा पार्क में हुआ। इस कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने विशेष रूप से भाग लिया। राज्यपाल ने आम लोगों, योग प्रशिक्षकों और चंडीगढ़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर सामूहिक योगाभ्यास किया।
कार्यक्रम में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि योग भारत की अनमोल सांस्कृतिक विरासत है, जो अब पूरे विश्व में स्वीकार की जा रही है। उन्होंने कहा कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति के लिए भी बेहद जरूरी है। उन्होंने योग को केवल एक दिन के आयोजन तक सीमित न रखने की अपील करते हुए कहा कि सभी नागरिकों को इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान मौजूद सैकड़ों लोगों को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ समाज की नींव नशा मुक्त युवा पीढ़ी से ही रखी जा सकती है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें और अपने जीवन को योग, खेल और सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ें।
तिरंगा पार्क में सुबह से ही योग प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्रशिक्षकों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, और विभिन्न आसनों का अभ्यास करवाया। प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी जैसे उपायुक्त, आयुक्त, एसएसपी सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी योग करते नजर आए।
इस पूरे आयोजन का उद्देश्य सिर्फ योग दिवस मनाना नहीं था, बल्कि नागरिकों को स्वास्थ्य और अनुशासित जीवन की दिशा में जागरूक करना था। कार्यक्रम में खासतौर पर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन पर राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि चंडीगढ़ जैसे स्मार्ट शहरों में योग को हर गली, हर पार्क और हर घर तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए और अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
इस अवसर पर योग दिवस की थीम “योग के साथ जीवन” को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया, जिससे लोगों में योग के प्रति एक नई सोच और ऊर्जा का संचार हुआ।