चंडीगढ़ दिनभर: नगर निगम में कम्युनिटी सेंटर की फ्री बुकिंग घोटाला दोबारा चर्चा मे है। इस मसले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नौ पार्षदों ने नगर निगम की मेयर को पत्र लिखकर तत्काल स्पेशल हाउस मीटिंग बुलाने की मांग की है। पार्षदों का आरोप है कि कम्युनिटी सेंटर की बुकिंग प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे नगर निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इस घोटाले को अब तक का सबसे बड़ा “फ्री बुकिंग घोटाला” बताया जा रहा है, जिसमें न सिर्फ सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हुआ, बल्कि फर्जी स्टैंप और जाली हस्ताक्षरों का इस्तेमाल कर बुकिंग को अंजाम दिया गया।
यह पत्र आम आदमी पार्टी के पार्षदों योगेश ढींगरा, मनवर, हरदीप सिंह, पूनम, जसबीर सिंह लाड्डी , जसविंदर कौर, दमनप्रीत सिंह बादल, अंजू कत्याल और रामचंद्र यादव ने संयुक्त रूप से भेजा है। पत्र में घोटाले को “गंभीर आर्थिक एवं कानूनी अपराध” करार देते हुए मांग की गई है कि पिछले पांच वर्षों में नगर निगम द्वारा किए गए सभी फ्री बुकिंग की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उसे स्पेशल हाउस में प्रस्तुत किया जाए।पार्षदों ने कहा है कि जब तक इस घोटाले की गहराई से जांच नहीं की जाती, नगर निगम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते रहेंगे।
“भीतरघातियों और बाहरी गिरोह की साठगांठ”
आप के वरिष्ठ पार्षद और इस मुद्दे को नगर निगम मे उठाने वाले योगेश ढींगरा ने बड़ा दावा करते हुए कहा, “इस फ्री बुकिंग घोटाले में नगर निगम की बुकिंग शाखा के कुछ पूर्व अधिकारी और कुछ बाहरी एजेंट शामिल हैं। इन लोगों ने मिलकर फर्जी स्टैंप पेपर और जाली हस्ताक्षरों के जरिए कई बुकिंग फ्री में करवाईं, जिससे निगम को सीधे राजस्व घाटा हुआ। ऐसे अपराधियों के नाम सामने लाना और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करना अनिवार्य है, ताकि निगम की भविष्य की कार्यप्रणाली प्रभावित न हो। उनका यह भी कहना है कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और सुनियोजित धोखाधड़ी का उदाहरण है।
क्या है फ्री बुकिंग घोटाला?
नगर निगम द्वारा संचालित कम्युनिटी सेंटर आमतौर पर सामाजिक कार्यक्रमों, विवाह समारोहों और अन्य आयोजनों के लिए बुक किए जाते हैं। इन बुकिंग्स के लिए एक तय शुल्क निर्धारित होता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे कि आर्थिक रूप से कमजोर, शोक सभाएं या समाजसेवा से जुड़े आयोजन सेंटर की फ्री बुकिंग की सुविधा भी होती है। आरोप है कि इसी फ्री बुकिंग व्यवस्था का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सैकड़ों आयोजनों की बुकिंग बिना शुल्क के करवाई गई। यह भी कहा जा रहा है कि कई आयोजनों के नाम पर मिली बुकिंग वास्तव में निजी कार्यक्रम थे, जिनसे मिलीभगत से लाखों रुपये कमाए लेकिन नगर निगम को एक पैसा नहीं मिला।
पार्षदों ने उठाई 5 साल का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की मांग:
आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने यह मांग भी की है कि इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निगम द्वारा पिछले पांच सालों में की गई सभी फ्री बुकिंग का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाए। वे चाहते हैं कि प्रत्येक बुकिंग के दस्तावेज, आवेदनकर्ता की जानकारी, आयोजन की प्रकृति, स्वीकृति की प्रक्रिया और अधिकारियों के हस्ताक्षर आदि की जांच की जाए।
मेयर पर बढ़ा दबाव, क्या बुलाया जाएगा विशेष हाउस?
आप पार्षदों के इस सामूहिक पत्र के बाद मेयर पर विशेष हाउस बुलाने का राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव बढ़ गया है। यह पहली बार है कि इतने पार्षदों ने किसी घोटाले को लेकर एकजुट होकर लिखित रूप में विशेष बैठक की मांग की है। मेयर कार्यालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन निगम के भीतरू सूत्रों का कहना है कि प्रशासन भी इस मामले की गंभीरता को महसूस कर रहा है और जल्द ही कोई कार्रवाई संभव है।
विपक्षी दलों की भी प्रतिक्रिया:
इस घोटाले को लेकर अन्य राजनीतिक दल भी मुखर हो गए हैं। कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने भी इस मामले की जांच के समर्थन में बयान दिए है.वही चंडीगढ़ के नागरिक इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। नगर निगम की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर पहले ही कई सवाल उठते रहे है। एक पार्षद ने कहा, “अगर वाकई फर्जी स्टैंप और हस्ताक्षर से बुकिंग की गई है, तो यह सिर्फ वित्तीय नुकसान नहीं है, बल्कि जनता के साथ धोखा है। हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसी व्यवस्था बने कि दोबारा कोई ऐसा न कर सके।”