भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: कम्युनिटी सेंटर में करोड़ों रुपये के फ्री बुकिंग घोटाले पर कार्रवाई न होने से आम आदमी पार्टी के पार्षदों में जबरदस्त नाराजग़ी है। पार्षदों ने प्रशासक से मुलाकात की मांग की है और यदि जल्द संतोषजनक कदम नहीं उठाए गए, तो स्पेशल हाउस मीटिंग बुलाने की चेतावनी दी है। आप पार्षदों का आरोप है कि घोटाले में नगर निगम के कई अधिकारी भी शामिल हैं, जिनकी मिलीभगत के चलते आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उनका कहना है कि कार्रवाई के नाम पर केवल बुकिंग ब्रांच के स्टाफ का ट्रांसफर किया गया है, जबकि अनुशासनात्मक कार्रवाई शून्य रही। आप पार्षद अब एकजुट होकर पार्टी के चंडीगढ़ प्रधान विजय पाल के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद स्पेशल हाउस मीटिंग बुलाने के लिए आवेदन किया जाएगा। इस मीटिंग में घोटाले से संबंधित सभी जांच के दस्तावेज, पीडि़त हरदीप सिंह की दर्ज स्टेटमेंट और बुकिंग ब्रांच की भूमिका को सार्वजनिक करने की मांग की जाएगी।
पार्षद योगेश ढिंगरा पहले ही बुकिंग ब्रांच की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुके हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा गुपचुप तरीके से मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। पिछले जनरल हाउस में भी मेयर और कमिश्नर ने इस मुद्दे पर चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा, जिससे यह संदेह और गहरा गया है कि घोटाले को दबाया जा रहा है। अब सबकी नजरें आम आदमी पार्टी के आगामी कदम पर टिकी हैं। यदि स्पेशल हाउस मीटिंग होती है, तो घोटाले की फाइलें और दस्तावेज सार्वजनिक रूप से पेश किए जाएंगे। यह मीटिंग निगम प्रशासन पर जवाबदेही तय करने का दबाव बनाएगी और शहरवासियों को भी हकीकत जानने का मौका मिलेगा।
निगम की वित्तीय हालत भी संकट में: आप पार्षदों का कहना है कि ऐसे ही घोटालों और मिलीभगत की वजह से नगर निगम की वित्तीय हालत बदतर हो चुकी है। हालत यह है कि निगम के पास कर्मचारियों की सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं। शहर में भी इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। नागरिकों का कहना है कि यदि पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं रही तो ऐसे घोटाले बार-बार सामने आते रहेंगे। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि प्रशासन और निगम इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करते हैं और क्या सच में दोषियों को सजा मिल पाएगी या फिर एक और घोटाला फाइलों में ही दफन हो जाएगा।
पिछली जनरल हाउस मीटिंग में भी हुआ था नजरअंदाज: इससे पहले जब जनरल हाउस मीटिंग हुई थी, तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने फ्री बुकिंग घोटाले का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि न तो मेयर और न ही कमिश्नर ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी। यह चुप्पी भी संदेह को और गहरा करती है। शहर में यह चर्चा आम हो गई है कि इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है क्योंकि घोटाले में खुद निगम के अधिकारी और कुछ सत्ताधारी दलों के पार्षदों की भूमिका हो सकती है।
पार्षद योगेश ढिंगरा ने उठाए सवाल: आप पार्षद योगेश ढिंगरा पहले ही बुकिंग ब्रांच की कार्रवाई पर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से इस मामले को लेकर पर्देदारी की जा रही है, वह बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि घोटाले की पूरी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।
विजय पाल, प्रधान, आम आदमी पार्टी, चंडीगढ़: चंडीगढ़ के प्रशासक को मई महीने में ईमेल के माध्यम से मुलाकात का समय मांगा गया था, ताकि नगर निगम के कम्युनिटी सेंटरों में हुए फ्री बुकिंग घोटाले पर सख्त और शीघ्र कार्रवाई की मांग की जा सके। आम आदमी पार्टी के पार्षदों की स्पष्ट मांग है कि इस घोटाले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी, जैसे कि सीबीआई या ईडी से करवाई जाए, ताकि दोषियों तक बिना किसी देरी के पहुँचा जा सके। वहीं, नगर निगम कमिश्नर को भी इस संबंध में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। अगर सभी स्तरों पर सुनवाई नहीं होती है, तो स्पेशल हाउस मीटिंग बुलाना ही आखिरी विकल्प होगा। इसके लिए सभी ‘आप’ पार्षद एकजुट हैं।