चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने आज शहर की विरासत अपशिष्ट को समाप्त करने के अभियान में महत्वपूर्ण प्रगति की घोषणा की। उन्होंने बताया कि डंप-1 और डंप-2 को पहले ही पूरी तरह से साफ कर लिया गया है, जो नगर निगम के कचरा प्रबंधन प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि है।
मेयर बबला ने जानकारी देते हुए बताया कि डंप-1 में 5 लाख मीट्रिक टन (MT) कचरा था, जिसे 39 महीनों के निर्धारित समय में 12,820 मीट्रिक टन प्रति माह की दर से साफ किया गया। इसी प्रकार, डंप-2 में 8 लाख मीट्रिक टन कचरा था, जिसकी सफाई सिर्फ 26 महीनों में पूरी कर ली गई।
डंप-3 के बारे में बात करते हुए मेयर बबला ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला, तब वहां मात्र 9,000 मीट्रिक टन प्रति माह की गति से कचरे की प्रोसेसिंग हो रही थी। उन्होंने कहा:
“डंप-3 की सफाई में तेजी लाने के लिए मैंने रिंग फेंस अकाउंट से ₹12 करोड़ की व्यवस्था की और चंडीगढ़ प्रशासन से अतिरिक्त ₹12 करोड़ का सहयोग प्राप्त किया। साथ ही, दो एजेंसियों को जोड़ा गया जिससे अब प्रति माह 50,000 मीट्रिक टन की रफ्तार से कचरा निपटाया जा रहा है।”
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा:
“मैं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं कि अपने कार्यकाल के दौरान डंप-3 को पूरी तरह से साफ कर दूंगी। मैं स्वयं नगर निगम कार्यालय से नियमित निरीक्षण के माध्यम से इसकी निगरानी कर रही हूं। मैं चंडीगढ़ के नागरिकों को आश्वस्त करती हूं कि भविष्य में कोई नया डंप नहीं बनने दिया जाएगा।” यह पहल चंडीगढ़ को स्वच्छ और टिकाऊ शहर बनाने की दिशा में नगर निगम की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।