Thursday, August 14, 2025

हरियाणा पंचायत विभाग में 71 हजार के लैपटॉप खरीद में गोलमाल !

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: हरियाणा पंचायत विभाग में लैपटॉप खरीद को लेकर बड़ा घोटाला सामने आने की आशंका जताई जा रही है। विभाग 4500 लैपटॉप खरीदने की तैयारी कर रहा है, जिसकी कीमत प्रति लैपटॉप 71 हजार रुपये बताई गई है। जबकि जैम पोर्टल पर इसी मॉडल का लैपटॉप महज 49 हजार रुपये में उपलब्ध है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर विभाग 22 हजार रुपये प्रति लैपटॉप अतिरिक्त खर्च क्यों करना चाहता है? अगर 4500 लैपटॉप की इस फालतू लागत का आंकलन करें तो कुल अतिरिक्त खर्च 9 करोड़ 90 लाख रुपये तक पहुंचता है।

49 हजार रूपए का लेपटॉप सिर्फ दो सॉफ्टवेयर डलवाकर 71 हजार रूपए में जा रहा खरीदा
2 सॉफ्टवेयर को लैपटॉप में शामिल कर महंगी खरीद को ठहराया जा रहा जायज
इन्हीं सॉफ्टवेयर के साथ हरियाणा सरकार के कुछ विभागों द्वारा दो बार आजमाया जा चुका फॉरमूला, लेकिन हर बार टेंडर में भाग लेने वाली कंपनियों ने दर्ज करवाई थी आपत्ति

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दो फ्री सॉफ्टवेयर बने बहाना!

जिन दो सॉफ्टवेयर को आधार बनाकर यह अतिरिक्त राशि खर्च करने की तैयारी है, वे फ्री में ऑनलाइन उपलब्ध हैं। बावजूद इसके, इन सॉफ्टवेयर को लैपटॉप में शामिल कर महंगी खरीद को जायज ठहराया जा रहा है। यह बहाना पहले भी हरियाणा सरकार के कुछ विभागों द्वारा दो बार आजमाया जा चुका है, लेकिन हर बार टेंडर में भाग लेने वाली कंपनियों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी शिकायतों को नजरअंदाज कर हठधर्मी रवैया अपना रहे
हैं।

अब तक बिना सॉफ्टवेयर के खरीद होती रही:

गौर करने वाली बात है कि हरियाणा में अब तक इसी मॉडल के लैपटॉप बिना इन दो सॉफ्टवेयर के खरीदे जाते रहे हैं।फिर अब अचानक इन्हें जोडऩा और उसकी आड़ में कीमत बढ़ाना कई सवाल खड़े करता है।

घोटाले की बू, कार्रवाई की मांग:

सूत्रों का कहना है कि यह पूरा मामला कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं की जानकारी से छिपाकर किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस खरीद को रोका नहीं गया तो यह हरियाणा सरकार के पंचायत विभाग में एक और बड़ा घोटाला बन सकता है। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस फिजूलखर्ची पर रोक लगाएगी या फिर ठेकेदारों की जेब भरने के लिए जनता के करोड़ों रुपये लुटा दिए जाएंगे।

अमित कुमार, आईएएस कमीश्नर पंचायत विभाग: यह खरीददारी हारट्रोन (हरियाणा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम
लिमिटेड) द्वारा की जा रही हैं। इस बारे में वहीं बेहतर जवाब दे सकते
हैं।

जे. गणेशन, आईएएस एमडी हारट्रोन: अभी टेंडर फाईनल नहीं हुआ हैं। इसकी अप्रर्वल के लिए भेजा गया हैं। अप्रर्वल आने के बाद ही कुछ कहना सही होगा।

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