हरियाणा में अब ड्रोन तकनीक का उपयोग फसलों की बीमारी की पहचान और निगरानी के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस दिशा में एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत शुरुआती चरण में आलू, चना, धान, कपास और कुछ प्रमुख सब्जियों को शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने चंडीगढ़ में ड्रोन इमेजिंग एंड इन्फॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड (DRIISHYA) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 9वीं बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक से राज्य में कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी और आपदा प्रबंधन में भी तेजी लाई जा सकेगी।
सीएम सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्रोजेक्ट में किसानों को सीधे जोड़ा जाए और उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाए, ताकि वे इस तकनीक को समझकर स्वयं अपने खेतों में इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने ‘ड्रोन दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को ड्रोन ऑपरेशन में प्रशिक्षित करने के अभियान में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन के माध्यम से ‘जीवामृत’ जैसे जैविक खादों का छिड़काव किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
यह पायलट प्रोजेक्ट हरियाणा के किसानों के लिए तकनीक आधारित खेती की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा, जिससे खेती को अधिक वैज्ञानिक और लाभकारी बनाया जा सकेगा।