हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित शिपकिला दर्रा अब आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। आजादी के 78 साल बाद पहली बार यह दर्रा पर्यटकों के लिए खुला है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने 10 जून को भारत-चीन सीमा पर पहुंचकर शिपकिला दर्रा में पर्यटन गतिविधियों की शुरुआत की। अब देशभर से भारतीय पर्यटक यहां आ सकेंगे।
शिपकिला दर्रा कहाँ है और क्यों है खास?
शिपकिला दर्रा किन्नौर जिले में स्थित है और यह चीन की सीमा से सटा हुआ है। पहले यहां केवल व्यापार की अनुमति थी और वह भी सीमित समय तक। यह इलाका भारत का ऐतिहासिक सिल्क रूट भी रहा है। आजादी से पहले भारत और चीन के बीच इसी रास्ते से व्यापार होता था। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद यह दर्रा आम लोगों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
पर्यटक अब कहाँ तक जा सकेंगे?
अब टूरिस्ट खाब से शिपकिला तक की 32 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। यहां से वे चीन की सीमा को देख सकेंगे, सतलुज और स्पीति नदी का संगम, नाको गांव की झील और बौद्ध मठ भी घूम सकते हैं। हालांकि, यहां रात में ठहरने की अनुमति नहीं है। पर्यटकों को सुबह जाकर शाम तक लौटना होगा।
पर्यटन की क्या शर्तें रहेंगी?
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सिर्फ भारतीय नागरिकों को अनुमति दी गई है। विदेशियों को अभी इजाजत नहीं है।
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खाब में ITBP की चेक पोस्ट पर आधार कार्ड दिखाना जरूरी होगा।
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रोजाना सिर्फ 300 लोगों को ही अनुमति मिलेगी क्योंकि रास्ता संकरा है और सिंगल लेन है।
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शिपकिला में होटल या ठहरने की सुविधा नहीं है। पर्यटकों को वापिस रिकांगपियो, पूह या काजा में रुकना होगा।
पर्यटन से क्या होगा फायदा?
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही, केंद्र सरकार से यह भी मांग की जाएगी कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को शिपकिला रूट से शुरू करने की अनुमति दी जाए। इससे यात्रा की दूरी लगभग 91 किलोमीटर कम हो जाएगी।
कैसे पहुँचे शिपकिला दर्रा?
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पर्यटक पहले चंडीगढ़ या शिमला पहुंचें।
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वहां से राष्ट्रीय राजमार्ग-5 के जरिए किन्नौर जिले के खाब तक जाएं।
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खाब से शिपकिला जाने के लिए टैक्सी या निजी वाहन का उपयोग किया जा सकता है।
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चंडीगढ़ से खाब की दूरी लगभग 378 किलोमीटर है, जिसे तय करने में करीब सवा 10 घंटे लगते हैं।
शिपकिला को खोलने की मांग कब से चल रही थी?
हिमाचल सरकार पिछले 20 साल से इस दर्रे को खोलने की मांग कर रही थी। मई 2025 में केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दी। इससे पहले यह दर्रा केवल व्यापारियों के लिए खुला था।
क्या इस क्षेत्र में हेलिकॉप्टर सेवा है?
फिलहाल किन्नौर जिले में हेलि-टैक्सी की सुविधा नहीं है, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र को रिकांगपियो तक हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने का प्रस्ताव भेजा है। शिपकिला दर्रा का खुलना हिमाचल प्रदेश और खासकर किन्नौर जिले के लिए ऐतिहासिक कदम है। इससे जहां पर्यटकों को नया स्थल देखने को मिलेगा, वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। आने वाले समय में यह भारत का नया पर्यटन आकर्षण बन सकता है।