हरियाणा के सोनीपत जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के एक मैनेजर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह मामला गोहाना क्षेत्र का है, जहां पहले से आरोपी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।
एसीबी की यह कार्रवाई उस समय हुई जब एफसीआई में कार्यरत मैनेजर धर्मेंद्र सिंह कटारिया ने एक शख्स से 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने यह बात तुरंत एंटी करप्शन ब्यूरो को बताई और इसके बाद कार्रवाई की पूरी योजना बनाई गई।
कैसे हुआ खुलासा?
शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि एफसीआई मैनेजर ने किसी जरूरी काम को अंजाम देने के बदले उससे 30,000 रुपये की मांग की है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसीबी ने पहले इसकी प्रारंभिक जांच की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामला सही है या नहीं। जब शिकायत सही पाई गई, तो एक ट्रैप ऑपरेशन (फँसाने की योजना) तैयार किया गया।
गोहाना में बिछाया गया जाल, मौके पर ही पकड़ा गया
एसीबी की टीम पहले से ही एफसीआई कार्यालय के आस-पास निगरानी कर रही थी। जैसे ही आरोपी धर्मेंद्र सिंह ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम ली, वैसे ही एसीबी ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके पास से पूरे 30 हजार रुपये बरामद कर लिए गए हैं, जो रिश्वत के तौर पर लिए गए थे।
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज, कोर्ट में पेशी की तैयारी
गिरफ्तारी के तुरंत बाद एफसीआई मैनेजर धर्मेंद्र सिंह कटारिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अब उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
क्या यह पहली बार था? एसीबी कर रही है गहन जांच
फिलहाल एसीबी की टीम यह भी पता लगाने में जुटी है कि धर्मेंद्र सिंह इससे पहले भी किसी भ्रष्ट गतिविधि में शामिल रहा है या नहीं। अगर उसके खिलाफ पहले से कोई और शिकायत है, तो उन मामलों को भी जांच में शामिल किया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी का सख्त रुख
हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीमें लगातार सरकारी कार्यालयों और विभागों पर नजर बनाए हुए हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा है। एसीबी ने साफ किया है कि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को रिश्वत लेने की छूट नहीं दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आम जनता के लिए संदेश
अगर किसी को भी किसी सरकारी विभाग में रिश्वत मांगी जाती है या किसी अधिकारी द्वारा परेशान किया जाता है, तो वह तुरंत एसीबी को सूचित करे। आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी हेल्पलाइन: 1064 (या संबंधित राज्य की हेल्पलाइन)
यह घटना एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि जागरूक नागरिक और सक्रिय जांच एजेंसियां मिलकर ही भ्रष्टाचार जैसी बुराई को खत्म कर सकते हैं।