आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली में पंजीकरण न कराने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगम चंडीगढ़ के आयुक्त ने 7 जून 2025 से सभी नए कर्मचारी पंजीकरण पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य फर्जी कर्मचारियों की पहचान करना और कार्यबल के भीतर जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, आईएएस ने स्पष्ट किया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का सख्ती से पालन अनिवार्य है और जो कर्मचारी निर्धारित नियमों का पालन नहीं करते हैं, उन्हें कोई भी छूट नहीं दी जाएगी। इस प्रणाली को पहले ही वेतन वितरण प्रक्रिया से जोड़ा जा चुका है, जिससे उपस्थिति डेटा सीधे कर्मचारी के वेतन से जुड़ गया है।
प्रशासनिक निगरानी को और सख्त करते हुए आयुक्त ने लेखा शाखा को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक कर्मचारी की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जाए। इसमें मासिक वेतन, भत्ते या निगम से मिलने वाले किसी भी अन्य भुगतान की जानकारी शामिल होगी। इसका उद्देश्य वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और यह जांचना है कि निगम के वेतन पटल पर केवल वास्तविक और सक्रिय कर्मचारी ही मौजूद हैं।
आयुक्त ने यह भी दोहराया कि नगर निगम प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने और प्रणाली में अनियमितताओं को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमित उपस्थिति दर्ज करें और उनका आधार आधारित पंजीकरण सक्रिय और कार्यशील हो, क्योंकि यही उनकी वेतन प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
इस सख्त कदम के माध्यम से नगर निगम चंडीगढ़ अनुशासन बनाए रखने, पारदर्शिता बढ़ाने और सार्वजनिक धन के जिम्मेदाराना उपयोग को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। सभी विभागों को इस आदेश का पूरी गंभीरता और ईमानदारी से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।