Wednesday, August 13, 2025

“पंजाबी फिल्में हमारे बिना नहीं चलतीं” – पाकिस्तानी कॉमेडियन इफ्तिखार ठाकुर के बयान पर भारत में भड़का विरोध

भारत और पाकिस्तान के कलाकारों के बीच लंबे समय से चल रही बहस को एक बार फिर हवा मिली है। इस बार विवाद का कारण बने हैं पाकिस्तान के मशहूर कॉमेडियन इफ्तिखार ठाकुर। उन्होंने एक टीवी शो के दौरान दावा किया कि भारतीय पंजाब की फिल्में पाकिस्तानी कलाकारों के बिना हिट नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि भारतीय पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में उनके नाम की 16 फिल्में साइन थीं, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब भारतीय कलाकारों ने पाकिस्तानी कलाकारों से दूरी बनाई, तो उन्हें बायकॉट करने की बात कही गई। इस पर ठाकुर ने कहा, “आपका मुंह नहीं बायकॉट करने का, बायकॉट तो हम करते हैं।”

इफ्तिखार ठाकुर ने आगे कहा कि पाकिस्तान के कलाकारों के बिना 9 फिल्में बनाई गईं, लेकिन उनमें से एक भी नहीं चली। उन्होंने दावा किया कि पंजाब की फिल्मों के डायलॉग और बाकी कई तकनीकी काम पाकिस्तानी कलाकार करते हैं और इन पर इंडस्ट्री ने करीब 300 से 350 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। ठाकुर ने बयान में भारत को भी निशाने पर लेते हुए कहा, “अगर भारत हमारे बिना फिल्म नहीं बना सकता, तो वह जंग क्या खाक जीतेगा?” उन्होंने अपने बयान के अंत में शायरी के अंदाज़ में कहा, “जो खेल के मैदान में नहीं आते, वो जंग के मैदान में भी कुछ नहीं कर पाते।”

- Advertisement -

भारतीय कलाकारों की प्रतिक्रिया

इफ्तिखार ठाकुर के इन बयानों के बाद भारतीय पंजाब की फिल्म इंडस्ट्री में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

कॉमेडियन बीन्नू ढिल्लों ने सबसे पहले इसका विरोध करते हुए कहा कि वह अब कभी भी पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “जो हमारे देश का विरोधी है, उसे भारत में कोई मंच नहीं मिलना चाहिए।”

बीन्नू ने पंजाबी फिल्मों के प्रोड्यूसरों से भी अपील की कि पाकिस्तानी कलाकारों को फिल्मों से बाहर रखा जाए। उनका कहना था कि पाकिस्तान के कलाकारों के साथ बन रही फिल्में अब रिलीज नहीं होनी चाहिए।

गुरप्रीत घुग्गी, जो एक प्रसिद्ध पंजाबी कॉमेडियन हैं, ने भी कहा कि सेना का काम है देश की रक्षा करना, कलाकारों का नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से पाकिस्तानी कलाकार खुद को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं।

गुग्गू गिल ने कहा कि कलाकार हमेशा प्रेम और शांति का प्रतीक होता है, लेकिन इफ्तिखार ठाकुर ने ऐसे शब्द कहे, जो किसी कलाकार को शोभा नहीं देते।

देव खरौद, जिन्होंने गांधी मूवी में काम किया है, उन्होंने कहा कि “कलाकारों को युद्ध नहीं, शांति की बात करनी चाहिए। ठाकुर को भगवान ने बड़ी नाक दी है लेकिन दिमाग छोटा दिया है।”

पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर चल रही यह बहस अब सिर्फ सिनेमा तक सीमित नहीं रही, यह दोनों देशों के बीच के सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रभावित कर रही है। इफ्तिखार ठाकुर के बयानों से नाराजगी साफ दिख रही है और भारतीय पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री अब साफ तौर पर दूरी बना रही है। ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की आवश्यकता है, कलाकारों को सोच-समझकर बयान देने की ज़रूरत है।

E-Paper
RELATED ARTICLES

Most Popular




More forecasts: oneweather.org