1 जून 1984 को पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए “ऑपरेशन ब्लूस्टार” की बरसी पर पंजाब बीजेपी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए उस कार्रवाई में मारे गए लोगों को “समूह शहीद” बताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस पोस्ट में ऑपरेशन ब्लूस्टार से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा की गई थीं। इनमें अकाल तख्त की क्षतिग्रस्त इमारत और सेना के टैंकों की तस्वीरें शामिल थीं, जो स्वर्ण मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे।
पंजाब बीजेपी ने पोस्ट में लिखा – “1 जून 1984, साका नीला तारा (ऑपरेशन ब्लूस्टार), कांग्रेस सरकार द्वारा दरबार साहिब पर किए गए हमले के पहले दिन शहीद हुए समूह शहीदों को दिल से प्रणाम।”
यह पोस्ट 1 जून की सुबह 7 बजे पंजाब बीजेपी के आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर डाली गई थी, लेकिन चार घंटे बाद इसे हटा दिया गया। तब तक यह पोस्ट 6 हजार से ज़्यादा लोग देख चुके थे।
बीजेपी ने इस ऑपरेशन को इतिहास का एक काला और दर्दनाक अध्याय बताया और उस समय की कांग्रेस सरकार की तीखी आलोचना की।
जत्थेदार की अपील: 1 से 6 जून तक मनाएं शहीदी सप्ताह
इसी बीच अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने सिख समुदाय से अपील की कि वे 1 जून से 6 जून तक ‘शहीदी सप्ताह’ के रूप में मनाएं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्लूस्टार सिखों के लिए एक कभी न भूलने वाला घाव है।
उन्होंने बताया कि उस समय सिख श्रद्धालु श्री गुरु अर्जन देव जी की शहादत की याद में स्वर्ण मंदिर में एकत्र हुए थे, लेकिन तभी सेना ने वहां हमला कर दिया। इस दौरान जरनैल सिंह भिंडरांवाले, अमरीक सिंह, जनरल शबेग सिंह और अन्य कई लोग मारे गए।
जत्थेदार ने सभी गुरुद्वारों और सिख संस्थाओं से इस सप्ताह गुरमत समागम, डिबेट और सुखमनी साहिब पाठ जैसे धार्मिक आयोजनों की अपील की है।
जत्थेदार की चिंता: शहीदों को भूलने से रोका जा रहा
ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने चिंता जताई कि कुछ ताकतें सिख समुदाय को 1984 के शहीदों की याद से रोकना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सिख समाज हमेशा अपने शहीदों को सम्मानपूर्वक याद करता रहा है और आगे भी करता रहेगा।
अकाली दल का भी हमला: कांग्रेस ने बिना चेतावनी किया हमला
शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने भी ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया गया कि उसने बिना किसी चेतावनी के सेना से स्वर्ण मंदिर परिसर को घेर लिया और दिनभर गोलीबारी की। इस कार्रवाई में कई निर्दोष श्रद्धालु मारे गए।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। बीजेपी द्वारा पोस्ट हटाए जाने को लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।