हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित धर्मशाला में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत ने हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) को बहुत लाभ पहुँचाया है। धर्मशाला डिपो में संचालित 15 इलेक्ट्रिक बसों ने एक साल में शानदार प्रदर्शन करते हुए न केवल आय में बढ़ोतरी की है, बल्कि डीजल के खर्च में भी भारी बचत की है।
इन इलेक्ट्रिक बसों को 25 मई 2023 को धर्मशाला को सौंपा गया था। यह बसें धर्मशाला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विभिन्न मार्गों पर चलाई जा रही हैं। इस एक साल में इन 15 बसों ने कुल 6.76 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी की और इस दौरान एचआरटीसी को 1 करोड़ 82 लाख रुपये से अधिक की आमदनी हुई।
एचआरटीसी धर्मशाला मंडल के मंडलीय प्रबंधक श्री पंकज चड्ढा ने जानकारी दी कि इन इलेक्ट्रिक बसों ने ईंधन के मामले में लगभग 98 लाख रुपये की बचत की है। यह बचत इसलिए संभव हो पाई क्योंकि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन खर्च डीजल बसों की तुलना में काफी कम है। जहाँ डीजल बसों का प्रति किलोमीटर खर्च 23.14 रुपये आता है, वहीं इलेक्ट्रिक बसों का खर्च मात्र 8.56 रुपये प्रति किलोमीटर है।
इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बसों की प्रति किलोमीटर आय 27 रुपये रही है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है। पहले यह 26.77 रुपये थी। इसका मतलब यह है कि अब HRTC को प्रति किलोमीटर अधिक कमाई हो रही है, जबकि खर्च पहले से कम है।
इन बसों की तकनीकी स्थिति में भी सुधार हुआ है। पहले वर्ष में बसों में 21 बार तकनीकी खराबी आई थी, जो अब घटकर दूसरे वर्ष में केवल 12 बार रह गई है। यह दिखाता है कि समय के साथ इन बसों की मेंटेनेंस व्यवस्था में भी सुधार हुआ है।
इसके अलावा, धर्मशाला में अंतरराज्यीय बस अड्डे के निर्माण को भी अंतिम स्वीकृति मिल चुकी है। इस परियोजना से संबंधित सभी एग्रीमेंट पूरे हो चुके हैं, अब बस मुख्य कार्यालय से ड्राइंग स्वीकृति का इंतजार है। इस नए बस अड्डे से आने वाले समय में यात्री सुविधाएं और भी बेहतर होंगी। धर्मशाला में इलेक्ट्रिक बसों की यह पहल पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक लाभ और यात्री सुविधा—तीनों दृष्टियों से सफल रही है। इससे न केवल निगम की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि डीजल पर खर्च घटने से पर्यावरण को भी फायदा पहुँचा है।