लुधियाना जिले के खन्ना शहर स्थित फैजगढ़ इलाके में उस समय तनाव का माहौल बन गया, जब स्वामी विवेकानंद नर्सिंग कॉलेज के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। यह नर्सिंग कॉलेज एक भाजपा नेता द्वारा संचालित बताया जा रहा है। छात्र-छात्राएं कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार और जबरदस्ती पैसे वसूलने जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं। विरोध में छात्रों ने सड़क जाम कर धरना दिया और कॉलेज की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने परीक्षा में नकल करवाने के बदले हर छात्र से ₹4000 तक की मांग की थी। जो छात्र पैसे देने में असमर्थ थे, उन्हें जानबूझकर फेल कर दिया गया। छात्रों के मुताबिक यह पूरी तरह से एक सुनियोजित साजिश है, ताकि छात्रों को मजबूर किया जा सके कि वे पैसे दें या फिर फेल होने का डर झेलें।
GNM द्वितीय वर्ष की छात्रा तनप्रीत कौर ने बताया, “कॉलेज की तरफ से हमसे कहा गया कि ₹4000 दो, ताकि नकल का इंतज़ाम हो सके। जिन्होंने पैसे दे दिए, उन्हें अच्छे अंक मिले और पास कर दिया गया, जबकि जिन छात्रों ने पैसे नहीं दिए, उन्हें 25 में से 10 से कम नंबर देकर फेल कर दिया गया।” उसने बताया कि GNM फाइनल ईयर के 7, द्वितीय वर्ष के 11 और प्रथम वर्ष के 15 छात्रों ने पैसे नहीं दिए थे और सभी को फेल कर दिया गया।
एक अन्य छात्रा मनप्रीत कौर ने बताया, “कॉलेज का संचालन एक भाजपा नेता करते हैं। जब भी हम कोई सवाल उठाते हैं या विरोध करते हैं, हमें राजनीतिक संबंधों का डर दिखाकर चुप करा दिया जाता है। यहां शिक्षा नहीं, डर और भ्रष्टाचार का माहौल है।”
जब मीडिया और पुलिस मौके पर पहुंचे, तो कॉलेज प्रशासन की ओर से जवाबदेही की बजाय टालमटोल और अभद्रता देखने को मिली। कॉलेज की प्रिंसिपल अमिता ने छात्रों के साथ पुलिस और मीडिया के सामने ही बदसलूकी की और नाराजगी जताते हुए कहा, “अब क्या सरेआम सबूत दिखाऊं?” जब उनसे सीधा सवाल किया गया कि क्या पैसे वसूले गए, तो उन्होंने कहा कि सारे आरोप झूठे हैं और किसी छात्र से कोई पैसा नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई बात करनी है, तो वह कॉलेज के एमडी से संपर्क करे।
छात्रों की मांगें:
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने साफ शब्दों में कहा कि वे अन्याय सहन नहीं करेंगे और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
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जिन छात्रों से पैसे वसूले गए, उन्हें तत्काल वापस किया जाए।
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जिन छात्रों को फेल किया गया है, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का निष्पक्ष मूल्यांकन दोबारा कराया जाए।
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कॉलेज की मान्यता और प्रशासनिक गतिविधियों की स्वतंत्र जांच की जाए।
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कॉलेज प्रशासन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।
छात्रों ने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई कार्रवाई नहीं की, तो वे जिला शिक्षा अधिकारी और पंजाब सरकार के उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाएंगे।
खन्ना के इस नर्सिंग कॉलेज में छात्रों द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। अगर छात्रों की बातें सही हैं, तो यह न केवल शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल है, बल्कि भविष्य में हजारों छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और कब तक छात्रों को न्याय मिलता है।