लुधियाना में 42 दिन पहले लापता हुए युवक गुरजिंदर सिंह उर्फ गोरा का शव देर रात मोरिंडा के पास नहर के किनारे से बरामद हुआ। घटना के बाद थाना मोती नगर के बाहर मृतक के परिवार ने जोरदार हंगामा किया। मोरिंडा पुलिस ने शव मिलने के बाद लुधियाना पुलिस को सूचना दी, जिससे मामले का खुलासा हुआ।
मौत की जांच में पुलिस ने एक एएसआई को हिरासत में लिया है, हालांकि किसी अधिकारी ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में एएसआई की भूमिका की जांच की जा रही है। मृतक के परिवार ने थाना मोती नगर की पुलिस पर एएसआई को विशेष सुविधाएं देने का आरोप भी लगाया है। परिवार का कहना है कि एएसआई को एस.सी के सामने बैठाया गया और पुलिस की ड्यूटी कुर्सी भी दी गई थी।
परिवार की तरफ से बताया गया कि 16 अप्रैल को गुरजिंदर सिंह घर पर था, तभी एएसआई और उसके दो साथियों ने उसे शराब पीने के लिए दोस्त के घर ले गए। वहां एएसआई और गुरजिंदर के बीच बहस हुई जो हाथापाई में बदल गई। इसके बाद गुरजिंदर संदिग्ध हालत में गायब हो गया। परिवार ने 18 अप्रैल को थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने मामले में ढीला रवैया अपनाया।
परिवार का आरोप है कि एएसआई और उसके दो साथियों ने मिलकर गुरजिंदर की हत्या की है। पुलिस ने इस मामले में एएसआई को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। लुधियाना पुलिस ने मृतक की तस्वीर पंजाब के सभी थानों में जारी की थी।
मोरिंडा पुलिस ने बताया कि शव मिलने के बाद पोस्टमॉर्टम कराकर 174 धारा के तहत अंतिम संस्कार किया गया था क्योंकि मृतक की पहचान नहीं हो पाई थी। अब जांच में यह पता चला है कि यह वही लापता युवक है। एसीपी जसविंदर सिंह ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। परिवार ने पुलिस से इंसाफ की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है।