Wednesday, August 13, 2025

अमेरिका में ट्रम्प सरकार का सख्त फैसला: विदेशी छात्रों के वीजा इंटरव्यू पर रोक, सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी

अमेरिका जाने की तैयारी कर रहे छात्रों को अब और सतर्क रहना होगा। ट्रम्प प्रशासन ने विदेशी छात्रों के लिए स्टूडेंट वीजा (F, M और J कैटेगरी) से जुड़ी नई और सख्त नीतियां लागू कर दी हैं। अब नए वीजा इंटरव्यू अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं और पहले से तय अपॉइंटमेंट के अलावा नए इंटरव्यू शेड्यूल नहीं किए जाएंगे। अमेरिका की सरकार इस फैसले को यहूदी विरोध और वामपंथी सोच को विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से देख रही है।

विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट की कड़ी जांच की जाएगी। इंस्टाग्राम, टिकटॉक और एक्स (पहले ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छात्रों की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। पोस्ट, लाइक, शेयर और कमेंट की भी समीक्षा की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई छात्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं है।

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इस आदेश का सबसे बड़ा असर उन छात्रों पर पड़ सकता है, जिन्होंने अतीत में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन में हिस्सा लिया हो या उस तरह की किसी भी ऑनलाइन गतिविधि में शामिल रहे हों। अमेरिकी अधिकारियों द्वारा मार्च से ही ऐसे छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल के स्क्रीनशॉट लिए जा रहे हैं, भले ही वह पोस्ट बाद में डिलीट कर दिए गए हों।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई विदेशी छात्र क्लास छोड़ता है, बिना जानकारी के कोर्स बीच में छोड़ देता है या पढ़ाई में गंभीरता नहीं दिखाता, तो उसका वीजा रद्द किया जा सकता है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने भी यह जानकारी साझा करते हुए छात्रों को वीजा नियमों का पालन करने की सलाह दी है।

इस कदम का असर अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज की आय पर भी पड़ सकता है, जो विदेशी छात्रों से मिलने वाले ट्यूशन और फीस पर निर्भर होती हैं। पिछले साल अमेरिका में 11 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे, जिनका अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान 43.8 अरब डॉलर से अधिक था।

इसके अलावा ट्रम्प प्रशासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ लगभग 850 करोड़ रुपए का अनुबंध भी रद्द करने की तैयारी में है। इससे पहले सरकार इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को दी जाने वाली 22 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सहायता राशि रोक चुकी है। ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड पर वामपंथी विचारों, यहूदी विरोध और चीन के साथ संपर्क रखने के आरोप भी लगाए हैं।

हालांकि, मैसाचुसेट्स की अदालत ने सरकार के कुछ फैसलों पर फिलहाल अस्थायी रोक लगा दी है, लेकिन ट्रम्प प्रशासन का यह सख्त रुख बताता है कि अमेरिका में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए आने वाले दिन आसान नहीं होंगे। अब सिर्फ अकादमिक योग्यता ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया व्यवहार और राजनीतिक झुकाव भी वीजा मिलने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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