हिमाचल प्रदेश में पुलिस विभाग के सबसे बड़े पद यानी पुलिस महानिदेशक (DGP) की कुर्सी को लेकर हलचल तेज हो गई है। राज्य के गृह विभाग ने तीन सीनियर IPS अधिकारियों का पैनल तैयार कर लिया है और इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। इस पैनल में श्याम भगत नेगी, अशोक तिवारी और राकेश अग्रवाल के नाम शामिल हैं। अब अंतिम फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को लेना है कि इनमें से किसे प्रदेश की कानून-व्यवस्था की कमान सौंपी जाएगी।
इसी बीच 1996 बैच की IPS अधिकारी सतवंत अटवाल को डीजीपी का एडिशनल चार्ज दिए जाने की भी चर्चाएं हैं। वह इससे पहले भी कुछ समय के लिए यह जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। अगर पैनल में शामिल तीन नामों में सहमति नहीं बनती है, तो सरकार उन्हें ही कुछ समय तक डीजीपी का कार्यभार सौंप सकती है।
सूत्रों के अनुसार, श्याम भगत नेगी इस पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वह 1990 बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में केंद्र सरकार में सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने हिमाचल लौटने की इच्छा जाहिर कर दी है, लेकिन शर्त यह है कि उन्हें डीजीपी बनाया जाए। राकेश अग्रवाल, जो 1994 बैच के हैं, उन्होंने भी इसी शर्त पर वापसी की मंशा जताई है। वहीं अशोक तिवारी 1993 बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में हिमाचल में ही कार्यरत हैं।
श्याम भगत नेगी हिमाचल के किन्नौर जिले से संबंध रखते हैं और वरिष्ठता में भी उनका स्थान तीसरे नंबर पर आता है। यदि उन्हें डीजीपी नियुक्त किया जाता है, तो वह 31 मार्च 2026 तक इस पद पर रह सकते हैं। यानी अगले करीब 10 महीने तक प्रदेश की पुलिस व्यवस्था उनके हाथ में होगी।
हालांकि, अशोक तिवारी का नाम भी चर्चा में बना हुआ है। वह उत्तर प्रदेश कैडर से हैं लेकिन वर्तमान में हिमाचल में डीजीपी (सीआईडी) के पद पर तैनात हैं। उनकी रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2029 को है, जिससे उन्हें डीजीपी बनने के लिए समय अभी बहुत है। अगर श्याम भगत नेगी की नियुक्ति होती है, तो तिवारी को कुछ और समय इंतजार करना पड़ सकता है।
पैनल में राकेश अग्रवाल का नाम शामिल होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। वह हरियाणा से हैं और केंद्र में कार्यरत हैं। उनकी वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए सरकार के लिए निर्णय आसान नहीं होगा।
इसी बीच वर्तमान डीजीपी अतुल वर्मा और 1989 बैच के वरिष्ठ IPS एसआर ओझा दोनों 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। अतुल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की 2006 की गाइडलाइन का हवाला देते हुए अपने कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि उन्हें यह जिम्मेदारी 1 मई 2024 को ही दी गई थी और उनका कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है।
अब देखना यह होगा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार किस अधिकारी को प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सौंपती है। क्या अनुभवी और हिमाचल मूल के श्याम भगत नेगी को मौका मिलेगा या सरकार किसी और नाम पर भरोसा जताएगी, इसका फैसला जल्द सामने आ सकता है।