अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत और दुर्ग एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों को रोकना अब दैनिक यात्रियों पर भारी पड़ रहा है। शुक्रवार को हुई इस घटना में ट्रेन लेट होने से नाराज़ यात्रियों ने पटरी पर उतरकर विरोध जताया था, जिससे रेलवे संचालन प्रभावित हुआ। अब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और वीडियो फुटेज की मदद से प्रदर्शन करने वालों की पहचान की जा रही है।
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब अंब अंदौरा से चलने वाली मेमू ट्रेन नंबर 64563, जिसका विस्तार रायपुर हरियाणा तक कर दिया गया है, अंबाला स्टेशन पर काफी देरी से पहुंची। इससे सहारनपुर, यमुनानगर, बराड़ा और आसपास के ग्रामीण इलाकों से चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को रोजाना देरी का सामना करना पड़ रहा है। इसी परेशानी को लेकर शुक्रवार को नाराज़ यात्रियों ने कैंट स्टेशन पर पहुंची वंदे भारत और दुर्ग एक्सप्रेस का रास्ता रोक दिया।
गुरुवार को भी लगभग 20 से 30 लोगों ने स्टेशन पर पहुंचकर अपनी शिकायतें दी थीं, लेकिन इसके बावजूद रेलवे की खुफिया एजेंसियों को प्रदर्शन के अगले दिन ट्रेनों को रोके जाने की कोई भनक नहीं लगी। इसे रेलवे की बड़ी चूक माना जा रहा है, क्योंकि प्रदर्शन की सूचना होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं की गई।
आरपीएफ इंस्पेक्टर रविन्द्र सिंह के मुताबिक, सीसीटीवी और मोबाइल वीडियो फुटेज के आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है। चूंकि वे नियमित यात्री हैं, इसलिए उन्हें पकड़ने के लिए स्टेशन पर टीम तैनात कर दी गई है। स्टेशन मास्टर को सौंपी गई शिकायतों में जिन लोगों ने नाम व मोबाइल नंबर दिए थे, उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
कानूनी पहलू की बात करें तो एडवोकेट गणेश सारस्वत ने बताया कि यह मामला जमानती है। आरोपियों को जल्द जमानत मिल सकती है, लेकिन इसके बाद मामला कोर्ट में चलेगा और आगे की कार्रवाई वहीं से तय होगी।
रेलवे ने साफ कर दिया है कि इस तरह से ट्रेन रोककर विरोध करना कानून के खिलाफ है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को सख्ती से रोका जाएगा। वहीं, दैनिक यात्रियों की परेशानी को लेकर रेलवे अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पाया है।