हरियाणा के सिरसा जिले के भंभूर गांव स्थित सनराइज इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां 9वीं कक्षा के छात्र की हेयरकटिंग को लेकर शुरू हुआ विवाद मारपीट और स्कूल से निष्कासन तक पहुंच गया। मंगलवार को छात्र एक अलग तरह की हेयरस्टाइल बनवाकर स्कूल आया था। उसके क्लास टीचर सुनील कुमार ने उसे अनुशासन का हवाला देते हुए समझाया कि स्कूल में एक तय ड्रेस और हेयरकट को फॉलो करना जरूरी है। उन्होंने छात्र से कहा कि अगली बार स्कूल आते समय बाल सही ढंग से कटवाकर आए। उस वक्त छात्र ने कुछ नहीं कहा, लेकिन घर जाकर अपने परिजनों को इस बात की जानकारी दी।
बुधवार सुबह छात्र अपने पिता और चार अन्य लोगों के साथ तीन बाइक पर सवार होकर स्कूल पहुंचा। सभी लोग सीधे क्लासरूम में पहुंचे, जहां टीचर सुनील कुमार पढ़ा रहे थे। उन्होंने टीचर को घेरकर थप्पड़, मुक्के और लातें मारीं। आरोप है कि उनमें से एक व्यक्ति ने क्लास में रखी लोहे की कुर्सी भी टीचर पर फेंक दी। जब शोरगुल हुआ तो अन्य शिक्षक और स्कूल संचालक रमेश कुमार बचाव के लिए पहुंचे, लेकिन आरोपियों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। बीच-बचाव करने आई महिला शिक्षकों – गीता, किरण और मीनू के साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट की गई। इस हमले में कई शिक्षकों को चोटें आईं, जिनका इलाज माधोसिंधाणा के सरकारी अस्पताल में करवाया गया।
घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने छात्र को अनुशासनहीनता के चलते स्कूल से निकाल दिया। साथ ही प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मीटिंग कर यह फैसला लिया कि इस छात्र को भविष्य में किसी भी प्राइवेट स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाएगा। मामले की शिकायत पुलिस को भी दी गई है और स्कूल प्रबंधन आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के संरक्षक भारत भूषण ने कहा कि शिक्षक के साथ इस तरह की हिंसा न केवल निंदनीय है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र के लिए खतरे की घंटी है। अगर किसी छात्र या परिजन को किसी शिक्षक से शिकायत है, तो उसे स्कूल प्रबंधन के माध्यम से सुलझाना चाहिए, न कि हिंसा का रास्ता अपनाना चाहिए। यह घटना स्कूल के वातावरण को डर और अशांति से भर देती है, जो बच्चों की पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकती है।