राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सबसे भरोसेमंद गुर्गों में से एक राहुल सरकार को गिरफ्तार कर लिया है। राहुल पर आरोप है कि वह गैंग के सदस्यों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाता था, ताकि वे भारत से फरार होकर विदेश भाग सकें। जांच में सामने आया है कि उसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी सचिन थापन उर्फ सचिन बिश्नोई को भी फर्जी पासपोर्ट दिलाने में मदद की थी, जिससे वह देश छोड़ने में सफल रहा।
एनआईए काफी समय से इस मामले की जांच कर रही थी और शुक्रवार को राहुल सरकार को गिरफ्तार कर दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 18 और 18-बी के तहत केस दर्ज किया गया है। यह केस 2022 में दर्ज हुआ था, जिसमें गिरोह के जरिए अवैध गतिविधियों के लिए पैसे जुटाने और आतंक फैलाने की साजिश की बात कही गई थी।
एनआईए का कहना है कि राहुल सरकार लॉरेंस गिरोह का एक महत्वपूर्ण सदस्य था और उसका काम था ऐसे दस्तावेज तैयार करवाना जिससे गैंग के अपराधी देश से फरार हो सकें। इस काम के लिए वह अलग-अलग पहचान और पते का इस्तेमाल कर फर्जी पासपोर्ट तैयार करवाता था। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद देशभर में अलर्ट था, लेकिन इसके बावजूद सचिन थापन को बाहर भेजने में राहुल सरकार की भूमिका बड़ी मानी जा रही है। एनआईए अब उससे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने और किन-किन आरोपियों को इसी तरह विदेश भागने में मदद की है। मामले में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।