पटियाला में सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ के साथ हुई मारपीट के मामले में इंस्पेक्टर रोनी सिंह को बड़ा झटका लगा है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। फिलहाल इस मामले में हाईकोर्ट का विस्तार से फैसला आना बाकी है, लेकिन अब रोनी को गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ सकता है।
इस पूरे मामले की जांच अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ पुलिस द्वारा की जा रही है। जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई गई है, जिसका नेतृत्व 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी मंजीत श्योराण कर रहे हैं। इस एसआईटी में एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर और एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। अनुमान है कि यह जांच अगस्त 2025 तक पूरी हो जाएगी।
यह मामला तब सामने आया जब 13-14 मार्च की रात पटियाला में कर्नल बाठ और उनके बेटे से मारपीट की गई। उस समय पुलिस ने तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे मामला रक्षा मंत्रालय और सेना के मुख्यालय तक पहुंच गया। पुलिस ने 9 दिन बाद नाम लेकर एफआईआर दर्ज की और 12 पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया, जिनमें 5 इंस्पेक्टर भी शामिल थे। अभी तक इस घटना को 21 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन पंजाब पुलिस अपने ही कर्मियों को बचाने की कोशिश में लगी है।
कर्नल बाठ ने बताया कि जब वे अपनी गाड़ी चलाकर वहां से जा रहे थे, तो कुछ लोगों ने डंडे और सरियों से उनकी गाड़ी पर हमला किया। इस दौरान उनके बेटे के दोस्त ने उनकी पत्नी को फोन पर पूरी बात बताई। बाद में कर्नल और उनके बेटे को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कर्नल के बाएं हाथ में फ्रैक्चर पाया गया।
इस मामले को पंजाब विधानसभा में भी उठाया गया। बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने पंजाब सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की और बताया कि पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। सेना के कई पूर्व अफसरों ने पटियाला में धरना प्रदर्शन भी किया। बीजेपी नेताओं ने एसएसपी नानक सिंह से मिलकर मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग की। इसके बाद नई एफआईआर दर्ज कर एसआईटी गठित की गई और कर्नल बाठ के परिवार को सुरक्षा प्रदान की गई है।
यह मामला पंजाब में पुलिस की कार्यप्रणाली और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, जिससे सरकार और प्रशासन की छवि प्रभावित हो रही है। जांच पूरी होने पर ही सच्चाई सामने आ पाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।