मोहाली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 2007 में सामने आए मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मोगा के तत्कालीन एसएसपी दविंदर सिंह गरचा, एसपी हेडक्वार्टर परमदीप सिंह संधू, सिटी थाने के एसएचओ रमन कुमार और इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को दोषी मानते हुए 5-5 साल की सजा और 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा रमन कुमार को एक अन्य आरोप में तीन साल की अतिरिक्त सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना भी भुगतना होगा। कोर्ट ने यह सजा भ्रष्टाचार और जबरन वसूली जैसे गंभीर आरोपों में सुनाई है।
मामले की शुरुआत 2007 में उस वक्त हुई जब एक नाबालिग लड़की ने गैंगरेप की शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने इस केस का दुरुपयोग करते हुए झूठे आरोप लगाकर व्यापारियों और अमीर लोगों को फंसाया और उनसे मोटी रकम वसूली। बाद में एक पीड़ित रंजीत सिंह ने पुलिस की ब्लैकमेलिंग की ऑडियो रिकॉर्डिंग तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी, जिससे यह मामला उजागर हुआ। हाईकोर्ट ने भी इस केस को गंभीरता से लिया और CBI को जांच सौंपी।
सीबीआई जांच में सामने आया कि इन पुलिस अधिकारियों ने दो महिलाओं की मदद से झूठे रेप केस दर्ज कराए और लोगों को डराकर पैसे ऐंठे। इस दौरान एक सरकारी गवाह बनी महिला और उसके पति की 2018 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस चर्चित केस को अदालत ने “जम्मू सेक्स स्कैंडल” जितना गंभीर बताया था। अब करीब 18 साल बाद आए इस फैसले से शिकायतकर्ता और पीड़ित पक्ष ने न्याय मिलने की उम्मीद जताई है।