हरियाणा सरकार ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में 25 नए संस्कृति मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को मंजूरी दी गई है, जिनमें सरकारी स्कूलों की तरह पढ़ाई होगी लेकिन सुविधाएं कॉन्वेंट स्कूलों जैसी होंगी। ये सभी स्कूल अंग्रेजी माध्यम के होंगे और सीबीएसई से संबद्ध किए जाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 17 मार्च को बजट सत्र में हर 10 किलोमीटर पर एक संस्कृति मॉडल स्कूल खोलने की घोषणा की थी, जिसे केवल 16 दिनों में साकार किया गया है। फिलहाल हरियाणा में 193 संस्कृति मॉडल स्कूल संचालित हो रहे हैं। 25 नए स्कूलों के जुड़ने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 218 हो जाएगी।
इन स्कूलों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों संकायों की पढ़ाई उपलब्ध रहेगी। इनमें आधुनिक लैब, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और स्पोर्ट्स की हाईटेक सुविधाएं मौजूद होंगी। शिक्षकों की नियुक्ति सरकार द्वारा चयनित शिक्षकों में से टेस्ट के आधार पर की जाएगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
नए स्कूल हरियाणा के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे, जिनमें पिंजौर, बिलासपुर, पिहोवा, गुहला-चीका, कलायत, सीवन, घरौंडा, सोनीपत, सफीदों, उचाना, नरवाना, भट्टू कलां, रतिया, डबवाली, सिरसा, हिसार-11, लोहारू, सिवानी, बहादुरगढ़, मातनहेल, महेंद्रगढ़ और फिरोजपुर झिरका शामिल हैं।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने हर जिले में एक संस्कृति मॉडल स्कूल को “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पोर्ट्स” के रूप में विकसित करने की योजना भी शुरू की है। यह सेंटर राई स्थित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और भिवानी बोर्ड के सहयोग से तैयार किए जाएंगे। इन स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी बेहतरीन अवसर और प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार की यह पहल सरकारी स्कूलों को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।