गुजरात के जामनगर में हुए भारतीय वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान क्रैश में हरियाणा के रेवाड़ी के फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। 28 वर्षीय सिद्धार्थ इकलौते बेटे थे और हाल ही में 23 मार्च को उनकी सगाई हुई थी। वे 31 मार्च को छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे। इस दुखद घटना से परिवार, गांव और पूरा रेवाड़ी शोक में डूब गया है।
आखिरी सांस तक निभाई जिम्मेदारी, साथी को बचाया
परिजनों के अनुसार, 2 अप्रैल की रात फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव रूटीन सॉर्टी पर थे। उड़ान के दौरान जगुआर विमान में तकनीकी खराबी आ गई। सिद्धार्थ ने पहले विमान को सुरक्षित लैंड कराने की कोशिश की, लेकिन जब यह संभव नहीं हुआ, तो उन्होंने अपने साथी पायलट को सुरक्षित इजेक्ट किया।
इसके बाद सिद्धार्थ ने भीषण हादसे से बचने के लिए विमान को घनी आबादी से दूर ले जाने की कोशिश की, जिससे किसी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे। हालांकि, वे खुद विमान से बाहर नहीं निकल सके और वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी बहादुरी पर पूरा देश गर्व कर रहा है।
परिवार की चार पीढ़ियों से सेना में सेवा
शहीद सिद्धार्थ परिवार की चौथी पीढ़ी थे, जो सेना में सेवा दे रहे थे।
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परदादा बंगाल इंजीनियरिंग में थे, जो ब्रिटिश सेना के अधीन था।
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दादा पैरा मिलिट्री फोर्स में कार्यरत थे।
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पिता सुशील यादव भारतीय वायुसेना में रह चुके हैं, और अब LIC में कार्यरत हैं।
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सिद्धार्थ बचपन से ही वायुसेना में जाने का सपना देखते थे और उन्होंने अपने सपने को सच कर दिखाया।
2016 में NDA से चुने गए, तेज-तर्रार फाइटर पायलट बने
सिद्धार्थ ने 2016 में NDA की परीक्षा पास की और तीन साल की ट्रेनिंग के बाद वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट शामिल हुए। 2 साल पहले उन्हें प्रमोशन देकर फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनाया गया। वे बेहद कुशल पायलट थे और कई अहम मिशनों में हिस्सा ले चुके थे।
सगाई के 10 दिन बाद हादसा, 2 नवंबर को होनी थी शादी
23 मार्च को सिद्धार्थ की सगाई हुई थी और परिवार 2 नवंबर को शादी की तैयारियों में जुटा था। शादी की खुशियों के बीच आए इस दुखद हादसे ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है।
सेक्टर-18 में बना नया घर, जहां होनी थी शादी
शहीद सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव रेवाड़ी के भालखी-माजरा गांव के रहने वाले हैं, लेकिन वह कई सालों से रेवाड़ी शहर में रह रहे हैं। बेटे की शादी से पहले उन्होंने रेवाड़ी के सेक्टर-18 में नया मकान बनाया था। यह घर सिद्धार्थ की शादी के लिए तैयार किया गया था, लेकिन अब वहां शोकसंवेदना देने वालों का तांता लगा हुआ है।
कैसे हुआ हादसा?
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2 अप्रैल की रात करीब 9:30 बजे, जगुआर लड़ाकू विमान ने जामनगर एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी।
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उड़ान के कुछ ही समय बाद तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद पायलटों ने इसे सुरक्षित लैंड कराने की कोशिश की।
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विमान जामनगर से 12KM दूर सुवरदा गांव के खुले मैदान में क्रैश हो गया।
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क्रैश के बाद विमान के टुकड़े हो गए और उसमें आग लग गई।
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हादसे के तुरंत बाद ग्रामीणों ने घायल साथी पायलट की मदद की और पुलिस को सूचना दी।
कल पार्थिव शरीर पहुंचेगा रेवाड़ी, पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा
शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह उनके सेक्टर-18 स्थित घर पहुंचेगा। यहां से उनके पैतृक गांव भालखी-माजरा ले जाया जाएगा, जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पूरा देश शहीद सिद्धार्थ की बहादुरी को सलाम कर रहा है
सिद्धार्थ ने अपनी जान की परवाह किए बिना साथी पायलट की जान बचाई और विमान को आबादी से दूर ले जाकर बड़ा हादसा होने से रोका। उनकी बहादुरी और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पूरा देश इस वीर सपूत को नमन कर रहा है।