Thursday, August 14, 2025

अमेरिका ने भारत पर 27% टैरिफ लगाया, ट्रंप की घोषणा और आधिकारिक आदेश में अंतर

अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 27% टैरिफ लगाया है। हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस टैरिफ की घोषणा करते समय भारत पर 26% शुल्क लगाने की बात कही थी, लेकिन व्हाइट हाउस से जारी आधिकारिक आदेश में इसे 27% बताया गया है। इस अंतर के कारण भ्रम की स्थिति बन गई है।

ट्रंप ने कहा- भारत सही व्यवहार नहीं कर रहा

ट्रंप ने भारत पर लगाए गए इस टैरिफ को लेकर कहा कि भारत अमेरिका से निर्यात होने वाले उत्पादों पर 52% तक शुल्क लगाता है। उन्होंने कहा, “भारत हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि ‘आप मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन यह सही नहीं है।’ इसलिए हम भी जवाबी कार्रवाई में भारत पर 26% टैरिफ लगाएंगे।”

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लेकिन जब ट्रंप प्रशासन की ओर से आधिकारिक टैरिफ चार्ट जारी किया गया, तो उसमें भारत के लिए 27% शुल्क का उल्लेख था, जिससे स्पष्ट हो गया कि घोषणा और वास्तविक आदेश में अंतर है।

अन्य देशों के टैरिफ में भी अंतर

भारत के अलावा अन्य देशों के टैरिफ में भी यही असमानता देखी गई। दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, म्यांमार और कई अन्य देशों के लिए घोषित टैरिफ दरों और आधिकारिक आदेश में भिन्नता पाई गई। इस कारण कई देशों में इस फैसले को लेकर चिंता जताई जा रही है।

वाणिज्य मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अमेरिकी व्यापार नीति में इस नए बदलाव का बारीकी से अध्ययन कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार, “अमेरिकी राष्ट्रपति ने सभी व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10% से 50% तक अतिरिक्त समानमूल्य शुल्क लगाने का आदेश दिया है। इसमें 10% का आधारभूत शुल्क 5 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा, जबकि बाकी शुल्क 9 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा।”

मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत इस स्थिति का विश्लेषण कर रहा है और भारतीय उद्योगों व निर्यातकों से परामर्श कर रहा है। साथ ही, अमेरिकी व्यापार नीति में आए बदलाव से संभावित अवसरों का भी अध्ययन किया जा रहा है।

भारत-अमेरिका व्यापार पर असर

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही कई टैरिफ और व्यापारिक नीतियों को लेकर जटिल बने हुए हैं। अमेरिका के इस नए फैसले से भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले ही अमेरिका ने सख्त व्यापारिक नियम लागू कर रखे हैं।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत इस पर क्या रणनीति अपनाता है और क्या अमेरिका इस टैरिफ को लेकर किसी और बदलाव की घोषणा करता है।

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