चंडीगढ़, 8 जनवरी – “एलजीबीटीक्यूआईए व समुदाय के साथ समावेशी दुनिया के लिए
वकालत, अधिकार और सुधार” विषय पर चंडीगढ़ में एक राउंडटेबल सम्मेलन आयोजित किया
गया। यह आयोजन ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन, चंडीगढ़ और हैदराबाद स्थित एनजीओ
‘रूबरू’ के सहयोग से हुआ। इस सम्मेलन में सरकारी अधिकारियों, कानूनी
विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मीडिया प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों,
चिकित्सा विशेषज्ञों और एलजीबीटीक्यूआईए व समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया।
ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन की उप उच्चायुक्त कैरोलीन रोवेट ने उद्घाटन भाषण में
कहा, “यूके सरकार हर व्यक्ति की सुरक्षा, सम्मान और अवसरों की प्रतिबद्धता पर
जोर देती है, चाहे उसकी यौन पहचान या लिंग पहचान कुछ भी हो। यह सम्मेलन केवल
चर्चा के लिए नहीं, बल्कि समावेशिता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच है।
हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां विविधता का स्वागत हो और हर कोई
सुरक्षित महसूस करे।”
चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष शिप्रा बंसल और पीसीएस अधिकारी
राकेश पोपली ने विशेष अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने
समावेशी समाज के निर्माण में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
सम्मेलन ने एलजीबीटीक्यूआईए व समुदाय के अधिकारों और चुनौतियों पर रचनात्मक
संवाद का अवसर प्रदान किया। प्रतिभागियों ने समावेशिता में बाधाओं को दूर करने
और समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अपने अनुभव और विचार साझा किए।
कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया गया कि सहयोग और सामूहिक प्रयासों से ही ऐसा
माहौल बनाया जा सकता है जहां हर व्यक्ति को सम्मान, सुरक्षा और समान अवnसर
मिले। सम्मेलन ने अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की दिशा में ठोस कदम उठाने
का आह्वान किया।