Sunday, November 9, 2025

पंजाब सरकार खराब वित्तीय स्थिति के कारण सरकारी संस्थाओं से खर्च किए गए अनुदान वापस लेने को मजबूर- बलबीर सिद्धू

पंजाब सरकार खराब वित्तीय स्थिति के कारण सरकारी संस्थाओं से खर्च किए गए अनुदान वापस लेने को मजबूर- बलबीर सिद्धू

कहा, पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम से 243.73 करोड़ रुपये वापस लिए गए

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एस.ए.एस.नगर, 13 अक्टूबर:

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी सरकार पर पंजाब को आर्थिक रूप से तबाह करने का आरोप लगाया है और कहा है कि हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि सरकार को सरकारी संस्थाओं द्वारा खर्च किए गए अनुदान भी वापस लेने पड़ रहे हैं।

आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए, श्री सिद्धू ने कहा कि सरकार ने पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम को दिए गए 243.73 करोड़ रुपये के अनुदान को वापस ले लिया है, जो निगम द्वारा पहले ही खर्च किया जा चुका है।

इस संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम को राज्य में मौजूदा औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने, नए औद्योगिक केंद्र स्थापित करने और लुधियाना में साइकिल वैली परियोजना के लिए नई सड़क बनाने के लिए वर्ष 2019-20 से 243.73 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान प्राप्त हुआ था, जिसे निर्धारित नियमों के अनुसार खर्च भी किया गया है।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने 26 सितंबर, 2025 को एक पत्र के माध्यम से पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम को उपरोक्त 243.73 करोड़ रुपये का अनुदान सरकार को वापस करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने आगे बताया कि निगम ने उसी दिन अपने निदेशक मंडल की बैठक बुलाकर इस राशि को वापस करने की मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद यह राशि निगम के सावधि जमा से निकालकर वापस भेज दी गई थी।

पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार ने 20 अगस्त को एक पत्र के माध्यम से निगम को 500 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन निगम कर्मचारियों द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ याचिका दायर करने के बाद सरकार को पीछे हटना पड़ा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब के इतिहास में किसी सरकारी संस्थान से खर्च की गई ग्रांट वापस मांगने की इस कुप्रथा ने स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी पार्टी सरकार की दोषपूर्ण नीतियों और हर स्तर पर भ्रष्टाचार के कारण राज्य की हालत इतनी खराब हो गई है कि सरकारी संस्थानों से खर्च की गई ग्रांट वापस मांगी जा रही है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही आम आदमी पार्टी सरकार की नजर अब सरकारी संस्थानों की संपत्तियों पर है, जिन्हें वह अपनी लोकलुभावन योजनाओं को लागू करने के लिए जब्त करना चाहती है और साथ ही इन फंडों से पार्टी का खजाना भरना चाहती है ताकि आगामी बिहार चुनाव लड़ा जा सके।

उन्होंने कहा कि यही वजह है कि सरकार लोगों की ज़मीनें छीनने के लिए बेतुकी योजनाएँ बनाती रहती है, कभी लैंड पूलिंग करके, कभी पंचायती ज़मीनें बेचकर और पंचायतों के पास पड़े फंड से पैसे निकालकर। उन्होंने आगे कहा कि अब लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के अलावा बागवानी विभाग, पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन और पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन की ज़मीनों की पहचान की जा रही है ताकि उन्हें बेचा जा सके।

इस प्रेस वार्ता में पीएसआईईसी एसोसिएशन के अध्यक्ष पीपा राम, उपाध्यक्ष बलवंत सिंह, फील्ड अध्यक्ष शीना, वित्त सचिव अमृतपाल और संयोजक हरकेश राणा भी उपस्थित थे।

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