Friday, November 14, 2025

साइबर क्राइम थाना चंडीगढ़ ने 25.40 लाख की ऑनलाइन ठगी का भंडाफोड़, तीन आरोपी दबोचे

अजीत झा, चंडीगढ़ दिनभर: साइबर क्राइम थाना पुलिस ने लाखों की साइबर ठगी का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एफआईआर नंबर 56 (दिनांक 13 मई 2025) के तहत धारा 319(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61(2) बीएनएस के अंतर्गत की गई। पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व एसपी साइबर गीतांजलि खंडेलवाल ने किया, जबकि डीएसपी साइबर क्राइम एवं आईटी ए. वेंकटेश और थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ईरम रिज़वी की टीम ने इस गैंग को बेनकाब किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान 33 वर्षीय बलविंदर उर्फ बिंदु, प्रदीप कुमार, अनूप कुमार के रूप में हुई|

चंडीगढ़ निवासी पीड़ित ने शिकायत दी कि उनका खाता सेक्टर 26 स्थित पंजाब नेशनल बैंक में है और उससे जुड़ा मोबाइल नंबर वे साधारण फोन में इस्तेमाल करते थे। वे न तो स्मार्टफोन चलाते थे और न ही इंटरनेट बैंकिंग।21 अप्रैल 2025 को जब उन्होंने ₹5,000 निकालने बैंक गए तो अधिकारियों ने बताया कि मार्च–अप्रैल 2025 के बीच खाते से लगभग ₹25.54 लाख के ट्रांजैक्शन हो चुके हैं।

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पीड़ित ने तत्काल इसकी चंडीगढ़ पुलिस को दी शिकायत के आधार पर साइबर थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। जांच में सामने आया कि पीड़ित का पंजीकृत मोबाइल नंबर टेलीकॉम कंपनी ने निष्क्रिय कर दिया था, जिसे बाद में आरोपी बलविंदर ने फिर से एक्टिव करा लिया। नंबर सक्रिय करने के बाद बलविंदर को पता चला कि यह बैंक खाते से जुड़ा है जिसमें करीब ₹26 लाख जमा थे। उसने इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय की और रकम ट्रांसफर करना शुरू कर दिया।

पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस ठगी में अनूप कुमार (एसबीआई में संविदा कर्मचारी) और प्रदीप कुमार (पीएनबी, सिरसा में क्लर्क) भी शामिल थे।प्रदीप ने एटीएम कार्ड की जानकारी अनूप को दी, जिसने बलविंदर तक पहुंचाई। इन्हीं डिटेल्स की मदद से नेट बैंकिंग सक्रिय की गई।साइबर थाना पुलिस इंस्पेक्टर इरम रिजवी की टीम ने 20 अगस्त 2025 को राजस्थान से बलविंदर गिरफ्तार, उसके पास से मोबाइल फोन व सिम कार्ड बरामद। 22 अगस्त 2025 को सिरसा से अनूप कुमार और ऐलनाबाद से प्रदीप कुमार गिरफ्तार। अब तक आरोपियों के खातों से ₹5,43,031/- की राशि फ्रीज (लियन) की गई है। बाकी रकम और मनी ट्रेल की जांच जारी है।

पुलिस ने दी जनता को चेतावनी:

1. अपना KYC अपडेट रखें और बैंक से जुड़ा मोबाइल नंबर सक्रिय रखें।

2. यदि नंबर बंद हो जाए तो तुरंत नया नंबर बैंक में अपडेट कराएं।

3. किसी भी संदिग्ध गतिविधि या नंबर निष्क्रिय होने पर बैंक/पुलिस को तुरंत सूचित करें।

4. बैंक डिटेल्स कभी साझा न करें।

5. टफकोप पोर्टल पर जांचें कि आपके नाम से कितने मोबाइल नंबर जारी हैं।

6. किसी भी साइबर धोखाधड़ी पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।

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