रायपुररानी (देवेन्द्र सिंह): हरियाणा के निर्माण मजदूरों के हितों की रक्षा करने के बजाय प्रदेश सरकार ने उन्हें बलि का बकरा बना दिया है, यह आरोप भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा के जिला सचिव लच्छी राम शर्मा ने लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने श्रम कल्याण बोर्ड के सभी ऑनलाइन कार्यों को बंद कर दिया है, जिसके कारण मजदूरों को मिलने वाली सुविधा राशि और नए पंजीकरण में रोक लग गई है।
यह कदम मजदूरों के लंबे संघर्ष के बाद बने श्रम कल्याण बोर्ड को खत्म करने की दिशा में उठाया गया प्रतीत होता है। शर्मा ने बताया कि सरकार ने भ्रष्टाचार का हवाला देकर श्रम कल्याण बोर्ड हरियाणा के सभी ऑनलाइन कार्य रोक दिए हैं, और इसका खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से जो सुविधा फार्म पास हुए थे, उनकी राशि भी अब वैरिफिकेशन के नाम पर रुकी हुई है। इसके साथ ही, नया पंजीकरण भी बंद हो गया है, जिससे प्रदेश भर के 10 लाख निर्माण मजदूरों को भारी नुकसान हो रहा है। शर्मा ने आरोप लगाया कि यदि बोर्ड में भ्रष्टाचार हुआ है, तो यह अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत से हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा कि यूनियन ने सरकार को पहले ही चेतावनी दी थी कि ऑनलाइन कार्यों के कारण बोर्ड में भ्रष्टाचार बढ़ेगा और धीरे-धीरे सरकार इसे समाप्त करने की कोशिश करेगी। अब उसी की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। जबकि यूनियन सदस्यों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि बार-बार उन पर शिकंजा कसने की मांग की गई थी। इसके बजाय, सरकार ने मजदूरों के पंजीकरण को ब्लॉक कर दिया और उनकी सुविधाओं पर रोक लगा दी। शर्मा ने कहा कि यह तुगलकी फरमान है, जिसके कारण मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्दी ही बंद पड़ी साइट को फिर से शुरू नहीं किया और सुविधा राशि जारी नहीं की, तो 3 सितम्बर 2025 को पंचकूला में हजारों निर्माण मजदूर श्रम कल्याण बोर्ड कार्यालय में डेरा डालेंगे। इसके अलावा, 14 सितम्बर को वे श्रम मंत्री अनिल विज के निवास स्थान पर भी प्रदर्शन करेंगे। यूनियन की मुख्य मांगें हैं कि बंद किए गए पंजीकरण को फिर से खोला जाए, रोकी गई राशि जारी की जाए, और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।







