Wednesday, August 13, 2025

आईवरी टॉवर के निवासियों की हर सुख-सुविधाओं का ध्यान रखने के लिए सोसाइटी मैनेजमेंट बचनबद्व

मोहाली: आईवरी टॉवर सैक्टर-70 की जुडी समस्याओं के हल के लिए चल रहा आपसी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, उल्टा यह मामला और गरमाता जा रहा है। गौरतलब है कि गत दिवस को सोसाइटी के रहने वाले कुछ लोगों ने सोसाइटी कार्यालय में बैठक कर समस्याओं के हल के लिए चर्चा करने की बात करके मैनेजमेंट के खिलापफ गलत करीके से बयान बाजी की जो कि सरासर गलत है। इतना ही नहीं सोसाइटी लोगों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। उपरोक्त जानकारी सोसाइटी की जनरल सैक्रेटरी डाक्टर नरेन्द्र कौर ने सोमवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में व्यक्त की । इस दौरान उनके साथ सोसाइटी के अन्य लोग जिसमें सोसाइटी अध्यज्ञ डाक्टर मरवाह, जीतेंन्द्र जोशी भी थे।

कौर का कहना है कि आईटीएफओए प्रबंधन के संज्ञान में आया है कि हमारी सोसायटी से संबंधित एक हालिया समाचार लेख में तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बातें प्रस्तुत की गई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये दावे ब्लॉक डी और एफ के दो निदेशकों द्वारा प्रबंधन से कोई स्पष्टीकरण मांगे बिना या तथ्यों की पुष्टि किए बिना, प्रदान की गई चुनिंदा और विकृत जानकारी पर आधारित हैं। उन्होनंे बताया कि इनमें से एक निदेशक सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष हैं। कौर के मुताबिक जनवरी 2024 में, एसडीएम – जो उस समय सोसायटी के प्रशासक के रूप में कार्यरत थे- को अपने कार्यकाल के दौरान रिपोर्ट की गई वित्तीय अनियमितताओं के कारण सोसायटी के बैंक खाते को फ्रीज करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। जबकि 22 सितंबर 2024 को नई प्रबंधन टीम के कार्यभार संभालने के बाद ही खाता पुनः सक्रिय किया गया था। तब से, हमारी सोसायटी ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें पाँच ब्लॉकों में निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित लिफ्ट प्रतिस्थापन परियोजना, हरित पहलों में वृद्धि और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना शामिल है। हालाँकि, पूर्व अध्यक्ष, जो अब वर्तमान टीम में अलग-थलग पड़ गए हैं, एक अन्य निदेशक के साथ मिलकर अनौपचारिक समूहों और मीडिया के माध्यम से सोसाइटी की छवि को व्यवस्थित रूप से खराब करने में लगे हुए हैं।

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उन्होंने कहा कि 3 अगस्त 2025 को, इन दोनों निदेशकों ने कुछ गलत सूचना प्राप्त निवासियों के साथ मिलकर, लगभग 6ः30 बजे गेट नंबर 3 के पास परिचालन बाधित किया। इस कार्रवाई ने हमारे सुरक्षा कर्मचारियों के काम में बाधा डाली और यातायात और सुरक्षा संबंधी विचारों की गहन समीक्षा के बाद लागू किए गए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा अनुमोदित गेट टाइमिंग समायोजन को कमजोर किया। उक्त लेख में इस घटना को गलत तरीके से सार्वजनिक बैठक के रूप में चित्रित किया गया था, और प्रबंधन दुर्व्यवहार या दमन के किसी भी आरोप का दृढ़ता से खंडन करता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को दी गई जानकारी जिसमें हाल ही में हुई चोरी की घटनाओं के कारण सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा गेट बंद करने के समय को औपचारिक रूप से अनुमोदित किया गया था। उन्होंने कहा कि निवासियों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ, कुर्सियों की व्यवस्था न होने की शिकायत को गलत तरीके से पेश करके एक झूठी कहानी गढ़ी गई। प्रबंधन को उक्त बैठक के लिए किसी भी निदेशक या निवासी से कार्यालय फर्नीचर के लिए कोई औपचारिक या लिखित अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ, जिसके बिना ऐसी सोसायटी संपत्तियों के सुरक्षित संचालन के लिए कोई जवाबदेही तय नहीं की जा सकती। गैर-पारदर्शिता या वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप निराधार हैं। सभी वित्तीय रिकॉर्ड सावधानीपूर्वक बनाए रखे जाते हैं और नियमित रूप से निदेशक मंडल समूह में निदेशकों के साथ साझा किए जाते हैं। इतना ही नहीं सारे खर्चे व रिकार्ड को बोर्ड पर लगाया भी जाता है।

उन्होने कहा कि व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट इन दोनों व्यक्तियों द्वारा भ्रम फैलाने, वरिष्ठ नागरिकों को अनुचित टिप्पणियों से निशाना बनाने और साथी निवासियों को अर्धसत्य बताकर गुमराह करने के निरंतर प्रयास का खुलासा करते हैं। निदेशक मंडल की बैठकों से उनका बचना – जहाँ सभी मुद्दों पर रचनात्मक रूप से चर्चा की जा सकती है उनके इरादों को बयां करता है। कौर ने बताया कि लिफ्ट प्रतिस्थापन परियोजना एक दीर्घकालिक सुरक्षा निवेश है, जिसे निदेशक मंडल द्वारा विधिवत पारित किया गया है। गेट और सुरक्षा उपाय निवासियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लागू किए गए थे, असुविधा के लिए नहीं। सभी निवासियों को अपने ब्लॉक निदेशकों के माध्यम से या सोसायटी कार्यालय में लिखित रूप में सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने सोसाइटी लोगों से अपील करते हुए कहा िक वह सभी निवासियों से सतर्क रहने, आईटीएफओए के आधिकारिक संचार पर भरोसा करने और सामूहिक प्रगति को कमजोर करने वाले गलत सूचना अभियानों को हतोत्साहित करने का आग्रह करते हैं। असहमति और चिंताओं को निदेशक मंडल के मंच पर लाया जाना चाहिए न कि सार्वजनिक या अनौपचारिक मंचों पर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए।

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