राहुल मेहता, चंडीगढ़ दिनभर, जीरकपुर– जीरकपुर की सुखना कालोनी में निर्माणाधीन वाल्मीकि भवन के पीछे बनी पानी स्टोर करने की टंकी में डूबने से सात साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब बच्ची प्रीति सुबह घर से चंद कदमो की दूरी पर बन रहे वाल्मीकि भवन की ओर खेलने चली गई। वहां निर्माण कार्य में इस्तेमाल करने के लिए बनाई गई करीब 5 फीट गहरी पानी से भरी टंकी खुली हालत में थी। बताया जा रहा है कि बच्ची खेलते हुए टंकी में गिर गई और बाहर नहीं निकल पाई । सुबह करीब 9:30 बजे जब मजदूर काम करने के लिए मौके पर पहुंचे तो उनमे से एक की नजर बच्ची पानी में तैरती दिखी। मामले की जानकारी मिलने के बाद बच्ची के परिवार वाले उसे एक निजी अस्पताल में ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची के परिजनों ने ठेकेदार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि टंकी को ढकने या उसके आसपास कोई सुरक्षा घेराबंदी नहीं की गई थी। खुले में खतरनाक रूप से बनी इस टंकी की वजह से एक मासूम की जान चली गई। पिता करते हैं मजदूरी, मां घरेलू कामगार
बच्ची के पिता वीरपाल ने बताया कि वह मजदूरी करता है और उसकी पत्नी भी काम करती है। रोज की तरह सुबह वे काम पर चले गए थे। पता नहीं बच्ची कब खेलते-खेलते घर के पास ही बन रहे भवन की ओर निकल गई थी। परिजनों को यह अंदेशा तक नहीं था कि उनके घर के इतने पास मौत उसका इंतजार कर रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, साइट पर काम कर करने पहुंचे एक मजदूर ने जब टंकी से पानी निकालने के लिए बाल्टी भरी तो उसे पानी में बच्ची तैरती नजर आई। आनन-फानन में उसे बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। आसपास के लोगों ने भी मदद की लेकिन बच्ची की जान नहीं बच सकी। मौत के बाद भी नहीं दी पुलिस को सूचना, पहले किया अंतिम संस्कार परिजनों की माने तो उन्होंने बच्ची की मौत के बाद सदमे में आकर सबसे पहले उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन परिजनों ने साफ तौर पर कहा कि बच्ची की मौत ठेकेदार की लापरवाही से हुई है। निर्माणाधीन भवन के पीछे इस तरह की गहरी टंकी बनाकर छोड़ देना और उसे ढकने की कोई व्यवस्था ना करना सीधी लापरवाही है। अगर टंकी को ढका गया होता या उसके चारों ओर कोई जाल या घेराबंदी होती तो यह हादसा न होता। लोगों ने प्रशासन से ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कोई चेतावनी बोर्ड नहीं, कोई बैरिकेड नहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण साइट पर न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया था और न ही टंकी के आसपास कोई बैरिकेडिंग की गई थी। साइट पूरी तरह खुली थी और बच्चे वहां बेरोकटोक खेलते रहते हैं। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में और बड़ी घटना का कारण बन सकती है।

हमने निर्माण करने के लिए पानी की टंकी बनाई हुई है और उसे ढक कर रखते है। बिल्डिंग का लेंटर बनने के बाद काम कुछ टाइम से बंद है। बच्चे वहां पानी भरने आ जाते है। हमने तो टंकी को प्लेट से बंद की हुई थी, बाकि मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है।
कर्म सिंह, ठेकेदार
हमारे पास जानकारी नहीं आई है। न ही कोई शिकायत है और न ही किसी अस्पताल से कोई सुचना आई है।