चंडीगढ़: मालोया में स्मॉल फ्लैट नंबर 267/2 और 180/2 एक ही परिवार को आवंटित किए जाने के आरोपों पर चंडीगढ़ प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। प्रशासन ने कहा है कि फ्लैट धारक जोगिंदर राय और गुरदेव यादव को चंडीगढ़ स्मॉल फ्लैट स्कीम-2006 के तहत अलग-अलग प्रक्रिया और नियमों का पालन करते हुए फ्लैट आवंटित किए गए थे।
प्रशासन की ओर से जारी स्पष्टीकरण के अनुसार, दोनों व्यक्तियों ने स्वतंत्र रूप से आवेदन किया था और उनके बायोमैट्रिक सर्वे नंबर, पारिवारिक विवरण, राशन कार्ड और वोटर कार्ड पूरी तरह अलग-अलग थे। इसके अलावा, स्क्रीनिंग कमेटी ने भी दोनों आवेदनों की अलग-अलग बैठकों में जांच कर पात्रता तय की थी।
यह मामला उस समय विवादों में आया जब कॉलोनी नंबर-4 में रहने वाले एक ही परिवार के दो सदस्यों को अलग-अलग फ्लैट दिए जाने पर सवाल उठे। आरोप लगाया गया था कि एक ही परिवार के सदस्य अलग-अलग नाम और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर योजना का लाभ ले रहे हैं।
प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह फ्लैट पूरी तरह नियमों और गहन जांच प्रक्रिया के बाद ही अलॉट किए गए हैं। मामले की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी दस्तावेजों और जांच रिपोर्टों को रिकॉर्ड में रखा
गया है।