Thursday, August 14, 2025

श्रावण मास की शिवरात्रि पर शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब

अजीत झा, चंडीगढ़ दिनभर: श्रावण मास की शिवरात्रि पर बुधवार को पूरे पंचकूला और चंडीगढ़ क्षेत्र के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ पड़ा। हरिद्वार और विभिन्न घाटों से गंगाजल लेकर लौटे कांवड़िए दो दिन पहले से ही शहर पहुंचने लगे थे। शिवालयों में बम बम भोले के जयकारों के साथ भक्तों ने भगवान शिव का गंगाजल से जलाभिषेक किया।

हरिद्वार से गंगाजल लेकर आए कांवड़िए परंपरा अनुसार सीधे शिवालय पहुंचे। अधिकतर कांवड़िए अपने घरों की बजाय पहले मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि जब तक वे शिवलिंग पर जल न चढ़ा लें, वे अपने घर प्रवेश नहीं करते।श्रद्धालुओं की मान्यता है कि शिवरात्रि पर जल चढ़ाने से भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और जीवन में सुख-शांति और आरोग्यता प्रदान करते हैं।

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19 साल बाद बना विशेष संयोग:

इस बार की शिवरात्रि खास रही क्योंकि 19 वर्षों बाद श्रावण शिवरात्रि पर आर्द्रा नक्षत्र में हर्ष योग का संयोग बना, जिसे अति शुभ और फलदायक माना गया। पंडितों के अनुसार यह योग सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।

स्केतड़ी मंदिर में उमड़ी भीड़:

पंचकूला के प्रसिद्ध स्केतड़ी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें देखने को मिलीं। मंदिर परिसर ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारों से गूंज उठा। बड़ी संख्या में कांवड़िए यहां पहुंचे और भक्तों ने गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक किया। मंदिर प्रबंधन द्वारा सुरक्षा, जल व्यवस्था, और लाइन प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। कांवड़िए रात मंदिर के पास ही रुके और अगले दिन तक जलाभिषेक करते रहे।

चंडीगढ़ की सड़कों पर भी दिखी कांवड़ यात्रा बीते दो दिनों से चंडीगढ़ की विभिन्न सड़कों मनीमाजरा, सेक्टर-26, सेक्टर-43, इंडस्ट्रियल एरिया आदि में कांवड़ लिए चल रहे भक्तों की श्रद्धा देखते ही बन रही थी। सड़कों पर लोगों ने जगह-जगह कांवड़ सेवा शिविर, जल वितरण और मेडिकल सहायता के स्टॉल भी लगाए। श्रद्धा और विश्वास का पर्व श्रावण शिवरात्रि के अवसर पर पूरे इलाके में भक्तिभाव और आस्था का वातावरण बना रहा।

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