सागर पाहवा, चंडीगढ़ दिनभर: आय से अधिक संपत्ति मामले में नामजद पूर्व अकाली मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की तीन याचिकाओं पर मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई। बाद दोपहर ढाई बजे इन याचिकाओं पर बहस शुरु हुई जो करीब दो घंटे चली।
मजीठिया के वकील अर्षदीप कलेर ने कहा कि कोर्ट से मांग की गई थी कि गिरफ्तारी के कारण (ग्राउंड ऑफ अरेस्ट) व जेल मैनुअल की कॉपी उन्हें दी जाए। इस याचिका को अदालत ने मंजूर करते हुए उन्हें दोनों कॉपी मुहैया करवा दी है। वहीं, एडवोकेट कलेर ने कहा कि दूसरी याचिका बिक्रमजीत मजीठिया की जेल में बैरक बदलने को लेकर थी, जिस पर उन्होंने अदालत में तर्क रखा कि बिक्रमजीत मजीठिया को जेल नियमों (जेल मैनुअल) के अनुसार आरेंज कैटगिरी की विशेष सुविधाएं देनी चाहिए और उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखा जाना चाहिए। इस बहस के बाद फैसला सुनाते हुए अदालत ने डीजीपी जेल को निर्देश जारी किए हैं कि दो दिन के अंदर यानि 25 जुलाई को वह कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे जिसमें बताया जाए कि पंजाब जेल विभाग जेल नियमों को मान रहा है या नहीं।
एडवोकेट कलेर ने कहा कि तीसरी याचिका बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जमानत पर लगी थी। हालांकि इस याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, इस याचिका पर 25 जुलाई को दोबारा से बहस होगी। सरकारी वकील ने कहा कि बैरक बदलने की याचिका पर अदालत को बताया गया कि मजीठिया की ओर से जेल अधीक्षक को ऐसी कोई शिकायत नहीं दी गई है और जेल में उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। अदालत ने उनके जवाब की कॉपी एडीजीपी जेल को सौंपकर जेल नियमों के बारे में जवाब मांगा है। वहीं, अदालत को बताया कि ग्राउंड ऑफ अरेस्ट और जेल नियमों की कॉपी विपक्ष को पहले ही दी जा चुकी है। मजीठिया की जमानत याचिका पर उनका जवाब था कि बेल एप्लीकेशन 630 पेजों की है जिसका जवाब देने में समय लगता है।