भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: हरियाणा सरकार जल्द ही एक “फेस ऐप” लॉन्च करने जा रही है, जिससे राज्य के
बुजुर्ग पेंशनर्स और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों को अब अपने जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह ऐप अभी परीक्षण के अंतिम चरण में है और अगस्त 2025 में इसे पंचकूला और अंबाला में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। इसके बाद इसे पूरे हरियाणा के 20 अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।
36 लाख लाभार्थियों को होगा फायदा
फेस ऐप पूरी तरह से लागू होने पर राज्य के 36 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा। सरकार का उद्देश्य इसे डिजिटल सुविधा के रूप में विकसित करना है, जिससे लाभार्थियों की सुविधा के साथ-साथ सिस्टम में पारदर्शिता भी लाई जा सके।
लॉन्च करने की 3 मुख्य वजहें:
1. रिकॉर्ड होगा अपडेट:
हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों का डेटा लगातार डिजिटल किया जा रहा है। फेस ऐप के जरिए लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और सभी विभागोंमें डेटा अपडेट किया जा सकेगा।
2. मृत लाभार्थियों के नाम हटेंगे:
कई विभागों में मृत लोगों के नाम से अब भी सरकारी लाभ लिया जा रहा है। इसऐप के ज़रिए सत्यापन करके ऐसे मामलों को रोका जा सकेगा और सरकारी धन की बचत होगी।
3. बुजुर्गों को नहीं लगानी होगी दौड़:
अक्सर बुजुर्गों को अपने लाइफ सर्टिफिकेट के लिए सरकारी कार्यालयों में जाना पड़ता है, जो उनके लिए परेशानी का कारण बनता है। अब वे साल में दो बार घर बैठे मोबाइल से ही प्रमाण पत्र भेज सकेंगे।
ऐप कैसे करेगा काम?
लाभार्थियों को साल में दो बार ऐप पर लॉग इन कर चेहरा पहचान (Face Authentication) के जरिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं, वे कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या ब्लॉक-स्तरीय कार्यालयों में जाकर यह काम करवा सकेंगे।
राजस्थान और तमिलनाडु से मिली प्रेरणा
हरियाणा के सर्विस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर प्रशांत पंवार ने बताया कि यह ऐप राजस्थान और तमिलनाडु के सफल डिजिटल कल्याण मॉडल से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि विभाग की टीम ने फरवरी 2025 में राजस्थान का दौरा किया
था, जिसके बाद इस ऐप को हरियाणा में लागू करने की दिशा में काम शुरू हुआ।
कितने लोग उठा रहे हैं लाभ?
हरियाणा सरकार के अनुसार:
21.96 लाख सीनियर सिटिजन वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ले रहे हैं।
8.88 लाख विधवाएं और
2.09 लाख दिव्यांग जन भी पेंशन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
इसके अलावा, ट्रांसजेंडर समुदाय, बौनेपन से ग्रस्त व्यक्ति, निराश्रित बच्चे और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोग भी योजनाओं में शामिल हैं।
तकनीक से जुड़ेंगे वंचित लोग भी
एसीएस जी. अनुपमा ने बताया कि जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है, सरकार ने उनके लिए CSC और स्थानीय सेवा केंद्रों के माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराने का इंतजाम किया है। कोई भी व्यक्ति तकनीकी अड़चनों के चलते
वंचित नहीं रहेगा।