भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ इकाई ने शहर में उभरे दो बड़े घोटालों कम्युनिटी सेंटर बुकिंग घोटाला और ₹75 करोड़ की मनीमाजरा 24×7 जल आपूर्ति परियोजना को लेकर कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी ने इन मामलों को न केवल भ्रष्टाचार के गंभीर उदाहरण बताए हैं, बल्कि जनता के अधिकारों और करदाताओं के पैसों पर हमला करार दिया है।
चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को ज्ञापन सौंपा और इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए चंडीगढ़ की जल आपूर्ति प्रणाली में तत्काल और व्यापक सुधार की मांग की।
कम्युनिटी सेंटर बुकिंग में फर्जीवाड़ा और गरीबों का शोषण:
आप का आरोप है कि नगर निगम की कम्युनिटी सेंटर बुकिंग शाखा में एक संगठित घोटाला सामने आया है, जिसमें गरीब परिवारों से अवैध रूप से पैसे वसूले गए। जिन परिवारों को कानूनन इन बुकिंग्स के लिए निःशुल्क सुविधा मिलनी चाहिए थी, उनसे 10,000 रुपए से 55,000 रुपए तक की वसूली की गई। विजयपाल सिंह ने बताया, “फर्जी बुकिंग स्लिप, जाली मोहरें और फर्जी पार्षदों के हस्ताक्षर के जरिए यह लूट की गई। यह सिर्फ आर्थिक घोटाला नहीं है, बल्कि गरीबों के साथ खुली डे लाइट रोबरी है।” पार्टी का कहना है कि इस घोटाले में बुकिंग शाखा के अधिकारी, बिचौलिए, और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त तत्व शामिल हैं। इस घोटाले की अनुमानित राशि ₹100 करोड़ से अधिक हो सकती है। आप ने सीबीआई जांच, सभी दस्तावेजों की तत्काल जब्ती, और संबंधित अधिकारियों के निलंबन की मांग की है।
जल प्रोजेक्ट बना ‘पायलट आपदा’: आप
दूसरा गंभीर मामला है 75 करोड़ रुपए की मनीमाजरा 24×7 जल आपूर्ति परियोजना, जिसे स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था। आप का दावा है कि यह परियोजना प्रबंधन, गुणवत्ता और पारदर्शिता के हर स्तर पर विफल रही है।
पार्टी के अनुसार, इसमें पाई गई प्रमुख अनियमितताएं हैं:
-घरों में गंदे और दूषित पानी की आपूर्ति
– टेंडर प्रक्रिया में देरी और अधूरी बुनियादी संरचना
– अक्टूबर 2024 से प्रोजेक्ट हेड नहीं है
– 48 मिलियन का लोन अहेज्ड (बीमा रहित) छोड़ दिया गया, जिससे वित्तीय जोखिम बढ़ा
कोई ठोस प्रगति नहीं, लेकिन भुगतान हो रहे हैं और जवाबदेही नदारद है
विजयपाल सिंह ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “यह पायलट प्रोजेक्ट नहीं, पायलट आपदा है। न कोई ज़ोन 24×7 पानी पा रहा है, न टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी है और न कोई अधिकारी जवाबदेह है।” पार्टी ने मांग की है कि जब तक इस प्रोजेक्ट की स्वतंत्र समीक्षा नहीं होती, तब तक स्मार्ट सिटी फंड जारी न किए जाएं। साथ ही, सीनियर न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की गई है।
पानी की समस्या सिर्फ मनीमाजरा तक सीमित नहीं:
आप ने यह भी स्पष्ट किया कि जल संकट केवल मनीमाजरा तक सीमित नहीं है। पार्टी ने कहा कि चंडीगढ़ के कई सेक्टरों, कॉलोनियों और गांवों में पानी की आपूर्ति अनियमित, कम दबाव वाली और कई बार पीने योग्य नहीं होती है।विजयपाल सिंह ने कहा, “हम सिर्फ एक वार्ड या मनीमाजरा की बात नहीं कर रहे। पूरा शहर पीने के पानी की समस्या से जूझ रहा है। कोई दीर्घकालिक योजना नजर नहीं आ रही और लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं।” आप ने पूरे शहर में जल इन्फ्रास्ट्रक्चर का व्यापक ऑडिट, आपातकालीन सुधार योजना और एक स्पष्ट जल आपूर्ति समय-सारणी जारी करने की मांग की है ताकि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके।
आप की प्रमुख मांगे:
आप द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
1. कम्युनिटी सेंटर बुकिंग घोटाले की सीबीआई जांच
2. सभी भौतिक और डिजिटल बुकिंग रिकॉर्ड्स की तत्काल जब्ती और सुरक्षा
3. घोटाले में सीधे या परोक्ष रूप से शामिल सभी अधिकारियों का निलंबन
4. 75 करोड़ रुपए के जल प्रोजेक्ट में सीनियर जज की निगरानी में सीबीआई जांच
5. पायलट प्रोजेक्ट की स्वतंत्र समीक्षा तक स्मार्ट सिटी फंड रोकने का आदेश
6. पूरे शहर की जल आपूर्ति समस्याओं के समाधान के लिए ऑडिट और कार्य योजना
“यह सिर्फ पैसा नहीं, अधिकारों की लड़ाई है”:
इन दोनों मामलों को जनता के भरोसे और बुनियादी सेवाओं पर दोहरा हमला बताते हुए विजयपाल सिंह ने कहा, “स्मार्ट सिटी के नाम पर भ्रष्टाचार को सिस्टम का हिस्सा बनने नहीं दिया जा सकता। यह सिर्फ खोए हुए पैसों की बात नहीं है, यह अधिकारों की लड़ाई है।” उन्होंने कहा, “परिवारों को साफ पानी मिलना चाहिए। गरीबों को सम्मान मिलना चाहिए। इन घोटालों की उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए और शहर के बुनियादी ढांचे को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए।”
पहले भी रहे ज्ञापन नजरअंदाज:
विजयपाल सिंह ने याद दिलाया कि फरवरी 2025 में भी आम आदमी पार्टी ने एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को सीजीएसएच लाभ, जीवन रक्षक बीमारियों के लिए मेडिकल रिइम्बर्समेंट को सरल या कैशलेस करने, अनुबंध कर्मचारियों के शोषण को रोकने, वॉलीबॉल खिलाड़ियों के लिए इंडोर स्टेडियम, और वृद्धावस्था पेंशन 3,000 रुपए करने जैसी मांगें की थीं। लेकिन इन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।