भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: “करणी किसी और की, भुगत कोई और रहा है”— यह कहावत उन सभी शहरवासियों पर बिल्कुल सही बैठती है, जो वास्तव में कम्युनिटी सेंटर की फ्री बुकिंग के हकदार हैं। “चंडीगढ़ दिनभर” ने हाल ही में कम्युनिटी सेंटर में हो रहे फ्री बुकिंग घोटाले को उजागर किया था। इस खुलासे के बाद नगर निगम अधिकारियों ने सभी फ्री बुकिंग पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगा दी, जो कि नियमों का उल्लंघन है।
दरअसल, शहर में कई ऐसे जरूरतमंद लोग हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिन्हें कम्युनिटी सेंटर की फ्री बुकिंग का पूरा अधिकार है। लेकिन निगम अधिकारियों ने इस घोटाले में शामिल कर्मचारियों और अफसरों पर कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय सीधे फ्री बुकिंग व्यवस्था को ही बंद कर दिया, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं जरूरतमंदों को हुआ है। वहीं दूसरी ओर, नगर निगम अधिकारी कम्युनिटी सेंटर में हुई फ्री बुकिंग से जुड़े रिकॉर्ड को विजिलेंस विभाग को सौंपने से बचते नजर आ रहे हैं। एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक निगम ने पिछले 5 वर्षों की बुकिंग का रिकॉर्ड विजिलेंस को नहीं दिया है, जिससे जांच प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि जब यह घोटाला उजागर हुआ था, तब निगम अधिकारियों ने केवल बुकिंग ब्रांच के कुछ कर्मचारियों का अन्य विभागों में तबादला कर मामले से पल्ला झाड़ लिया था। इस गंभीर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की पूरी कोशिश की गई।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस घोटाले को प्रमुखता से उठाया और इसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने तथा इस मुद्दे पर विशेष सदन बुलाने की मांग की। लेकिन नगर निगम की ओर से पूरा सहयोग नहीं मिल पाया। आप पार्षद योगेश ढींगरा ने इस संबंध में विजिलेंस विभाग में शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच प्रक्रिया में उन्हें भी बयान देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उनकी स्टेटमेंट दर्ज नहीं हो सकी क्योंकि नगर निगम ने विजिलेंस को आवश्यक रिकॉर्ड अब तक उपलब्ध नहीं करवाया।
अब तक रिकॉर्ड क्यों नहीं दिया:
इस बारे में जब “चंडीगढ़ दिनभर” ने नगर निगम के बुकिंग ब्रांच द्वारा अब तक विजिलेंस को रिकॉर्ड न सौंपने के कारणों की जानकारी लेनी चाही, तो प्रदीप कुमार, स्पेशल कमिश्नर नगर निगम ने कहा कि “मैं स्वयं इस विषय की जानकारी ले रहा हूं कि अब तक रिकॉर्ड क्यों नहीं दिया गया है। संबंधित अधिकारियों से जल्द रिपोर्ट तलब की जाएगी।”