भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: लुधियाना विजिलेंस विभाग द्वारा दर्ज मोतिया रॉयल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के गंभीर मामले में तीनों डायरेक्टर्स प्रवीण कांसल, नीरज कांसल और इंदु कांसल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से ब्लैंकेट बेल मिल गई हैं। ब्लैंकेट बेल के अनुसार कंपनी के डायरेक्टर्स को किसी अन्य केस में गिरफतार करने से पहले 7 दिनों का नोटिस देना होगा। बता दें कि कंपनी के डायरेक्टर्स को संदेह था कि लुधियाना विजिलेंस विभाग उन्हें किसी अन्य केस में गिरफतार कर सकते हैं। इसलिए उन्होने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में ब्लैंकेट बेल के लिए याचिका डाली थी। बता दें कि मामले की शुरुआत एक साझेदार की शिकायत से हुई थी, विजिलेंस विभाग को दी शिकायत के अनुसार मोतिया रॉयल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशक प्रवीण कांसल, नीरज कांसल और इंदु कांसल ने मिलकर उसे धोखे में रखकर उसकी जमीन की ततिमा रजिस्ट्री अपने नाम पर करवा ली।
इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में तहसीलदार तरसेम को भी आरोपी बनाया गया था। आरोप था कि बिना वैध सत्यापन के फर्जी दस्तावेजों पर रजिस्ट्री मंजूर की गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, निदेशकों ने पहले उसे कंपनी में साझेदार बनाकर भारी निवेश करवाया। बाद में उस निवेश से संबंधित ज़मीन को गुपचुप तरीके से अपने नाम पर रजिस्टर्ड करवा लिया गया, बिना उसकी जानकारी के।
जब पीडि़त को इस धोखाधड़ी की भनक लगी, तो उसने तुरंत विस्तृत शिकायत दर्ज करवाई। आरोप हैं कि तहसीलदार तरसेम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जाली दस्तावेजों को वैध ठहराया और नियमों की अनदेखी करते हुए रजिस्ट्री मंजूर कर दी। विजिलेंस विभाग ने सभी तथ्यों की पुष्टि करने के बाद संबंधित
आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।