Thursday, August 14, 2025

मानवाधिकार आयोग ने चीफ इंजीनियर और विजिलेंस को भेजा नोटिस

हिमांशु शर्मा, चंडीगढ़ दिनभर: चंडीगढ़ के मनीमाजरा में शुरू किए गए 24×7 पायलट प्रोजेक्ट में गड़बडिय़ों को लेकर अब पंजाब और चंडीगढ़ यूटी मानवाधिकार आयोग ने स्वत संज्ञान सुओ मोटो लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर और यूटी विजिलेंस विभाग को नोटिस जारी कर 31 जुलाई से पहले रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) को भी 31 जुलाई को आयोग के समक्ष पेश होने के आदेश दे दिए गए हैं मनीमाजरा के स्थानीय निवासीयो का कहना है कि जब से यह 24/7 पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, तब से ही गंदा और मिट्टी वाला पानी आ रहा है। शहर वासियों ने आरोप लगाया कि पुरानी पाइपलाइनों को बदले बिना ही नई सप्लाई सिस्टम शुरू कर दिया गया, जिससे शहर के हालात और खराब हो गए हैं।
75 करोड़ की लागत से लगाया गया था 24/7 पायलट प्रोजेक्ट:
चंडीगढ़ के मनिमाजरा में शुरू की गई 24×7 पायलट प्रोजेक्ट जिसका उद्घाटन 4 अगस्त 2024 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया था और जिसकी लागत 75 करोड़ बताई गई थी, उसे लेकर चंडीगढ़ में अब राजनीतिक पार्टियों ने भी आरोप लगाना शुरू कर दिया है कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार द्वारा इसकी जांच का जिम्मा चंडीगढ़ विजिलेंस को सौंपा गया था। वहीं वीरवार को चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के प्रधान विजयपाल सिंह की अगुआई में प्रतिनिधि मंडल चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया से मिला विजयपाल का साफ तौर पर कहना है हमें विजिलेंस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है इसकी जांच किसी एजेंसी या सीबीआई या जज लेवल पर होनी चाहिए यह घोटाला 75 करोड़ का नहीं 150 सौ करोड़ का घोटाला है और शहर वासियों को जबरदस्ती इस प्रोजेक्ट को थोपा गया। जांच के बाद जो दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज की जाए। वहीं विजयपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके पीछे नेता, और कई बड़े अधिकारी शामिल है इसलिए इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारी के सुपरविजन में करवाई जाए। उन्होंने कहा देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था, इसके बाद शहर वासियों को सिर्फ गंदा पानी मिला कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि इस पानी की वजह से बीमारियों से जूझ रहे हैं विजयपाल ने कहा इस मामले में भले ही विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन उसकी गंभीरता और निष्पक्षता पर उन्हें भरोसा नहीं है। पार्टी का आरोप है कि विजिलेंस अधिकारी सीनियर अफसरों और नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं, जिससे स्वतंत्र जांच की जरूरत है।
यह मामला पहले भी नगर निगम सदन में उठ चुका है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के पूर्व मेयर कुलदीप ने इस घोटाले का विरोध किया और गृहमंत्री द्वारा प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार भी किया था। पार्टी ने इसे लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की है। वार्ड नंबर 4 से पार्षद सुमन शर्मा का भी आरोप था कि मेरे वार्ड में सुबह शाम गंदे पानी की सप्लाई आती है जिसको लेकर मैंने नगर निगम हाउस में भी निगम कमिश्नर और मेयर को गंदे पानी की बोतल दिखाई थी। कैसे शहर वासियों को गंदा पानी पिलाया जा रहा है जल्द से जल्द इसकी जांच हो जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष ने चिट्ठी लिखकर इसकी दी थी केंद्र को शिकायत:
चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मनीमाजरा में 4 अगस्त 2024 को 24×7 पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया, लेकिन आज तक वहां एक दिन भी पानी नहीं आया है। लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई आ रही है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। और कई लोग इस गंदे पानी को पीकर बीमार भी हो गए मल्होत्रा ने लिखा था कि इस समस्या का जल्द समाधान किया जाए, ताकि लोगों को पानी की दिक्कत न हो। इसी शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने मामला संज्ञान में लिया और इसकी जांच का जिम्मा चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग को सौंप दिया।
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