भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: पंजाब की सियासत में एक बड़ा मोड़ आया जब आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के दो मंत्रियों राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री अमन अरोड़ा और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा पर चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। यह मामला नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा की ओर से की गई शिकायत पर आधारित है। आरोप लगाए गए हैं कि इन मंत्रियों ने बाजवा का एक वीडियो जानबूझकर एडिट कर सोशल मीडिया पर इस तरह से प्रसारित किया जिससे उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा और उन्हें जनता के बीच बदनाम करने की साजिश रची गई। यह मामला न केवल पंजाब की राजनीति में हलचल मचा रहा है बल्कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल और राजनीतिक प्रचार में नैतिकता और जिम्मेदारी के प्रश्न भी खड़े कर रहा है।
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 25 जून 2025 को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था। यह वीडियो 3 मिनट 48 सेकेंड
का था, जिसमें उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी और विधायक गनीव कौर के साथ हुई कथित दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की थी। बाजवा के अनुसार, वीडियो में उन्होंने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा
महिला विधायक गनीव कौर के घर में घुसने और उनके बेडरूम तक पहुंचने जैसी कार्रवाई को गैर-कानूनी, असंवेदनशील और संविधान विरोधी बताया था। उन्होंने कहा कि एक महिला विधायक के साथ इस तरह का बर्ताव पूरी तरह से
निंदनीय है और इसकी हर मंच पर आलोचना की जानी चाहिए।
कैसे एडिट किया गया वीडियो?
बाजवा ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा पोस्ट किए गए इस वीडियो को आम आदमी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स एक्स और फेसबुक पर तोड़-मरोडक़र साझा किया गया। एडिट किए गए वीडियो से जानबूझकर गनीव कौर का नाम और महिला विधायक के रूप में उनका संदर्भ हटा दिया गया। वीडियो को इस तरह पेश किया गया मानो प्रताप बाजवा, बिक्रम सिंह मजीठिया का खुला समर्थन कर रहे हों। बाजवा ने कहा, इस एडिटिंग से यह झूठा संदेश दिया गया कि मैं मजीठिया के पक्ष में बयान दे रहा हूं, जबकि सच्चाई यह है कि मैं महिला विधायक के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की निंदा कर रहा था।
कहाँ और कैसे दर्ज हुई एफआईआर?
इस गंभीर आरोप के बाद प्रताप बाजवा ने चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत सौंपी। सेक्टर-3 थाना पुलिस ने इस पर एक्शन लेते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री अमन अरोड़ा तथा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस के अनुसार, मामले की जांच शुरू कर दी गई है और तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता से वायरल वीडियो की फोरेंसिक जांच भी करवाई जाएगी ताकि पता चल सके कि वीडियो में किस हद तक छेड़छाड़ की गई।
बाजवा का कड़ा बयान:
शिकायत दर्ज कराने के बाद प्रताप बाजवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, मेरी छवि को बदनाम करने की यह सुनियोजित साजिश है। यह केवल मेरी नहीं, पूरे लोकतांत्रिक विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है। आम आदमी पार्टी
की सरकार विरोधी आवाज़ों से घबरा चुकी है और अब निजी हमलों पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें न केवल अनैतिक हैं, बल्कि जनता को भ्रमित करने वाली भी हैं। “राजनीति में विरोध का मतलब यह नहीं कि आप किसी नेता के बयान को गलत संदर्भ में पेश करके उनकी छवि खराब करें ।
पंजाब की राजनीति पर साफ़ तौर पर प्रभाव:
विशेषज्ञों की मानें तो इस केस का प्रभाव आने वाले समय में पंजाब की राजनीति पर साफ़ तौर पर देखने को मिलेगा। यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि नैतिक और राजनीतिक स्तर पर भी गंभीर बहस को जन्म देगा—क्या राजनीतिक दल सोशल मीडिया का इस्तेमाल विरोधियों को बदनाम करने के लिए कर सकते हैं?